पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को दी बधाई, कहा- Atomic Power Plant-3 'मेक इन इंडिया' का बेहतरीन उदाहरण
काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र 3 के लिए न्यूक्लियर साइंटिस्ट को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण बताया।
नई दिल्ली, एएनआइ। Kakrapar Atomic Power Plant-3: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र 3 के लिए काम करने वाले परमाणु वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'हमारे परमाणु वैज्ञानिकों को काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र -3 के लिए बधाई। स्वदेशी 700 MWe KAPP-3 रिएक्टर 'मेक इन इंडिया' का बेहतरीन उदाहरण है। साथ ही भविष्य में ऐसी कई उपलब्धियों के लिए एक शुरुआत भी है।'
काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KAPP) की तीसरी इकाई 700 मेगावाट की क्षमता वाली है। काकरापार पावर स्टेशन ताप्ती नदी के तट पर स्थित है। यह सूरत से करीब 80 किमी की दूरी पर है। रिएक्टर में संशोधित सेफ्टी फीचर और स्टीम जेनरेटर लगे हैं। देश के सबसे बड़े रिएक्टर के तौर पर भारत ने न्यूक्लियर पावर तकनीक का विकास किया है। KAPP-3 की यह उपलब्धि काफी बड़ी मानी जा रही है। इसके साथ ही भारत न्यूक्लियर पावर तकनीक वाले देशों के समूह में शामिल हो गया है। भारत ने त्रिस्तरीय न्यूक्लियर प्रोग्राम का विकास किया है।
1993 में पहले प्लांट की हुई थी शुरुआत
गुजरात में स्थित 700 मेगावाट की क्षमता वाले इस ऊर्जा संयंत्र के सामान्य परिचालन स्थिति में आना इस बात का संकेत है कि यह संयंत्र ऊर्जा उत्पादन के लिए अब तैयार है। 700 मेगावाट वाले इस प्लांट का विकास और ऑपरेशन न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) ने किया है। इस प्लांट में 220 मेगावाट के दो और स्टेशन KAPS-1 और KAPS-2 भी हैं। पहले प्लांट की शुरुआत 1993 और दूसरे की शुरुआत 1995 में हुई थी। KAPP-3 मार्क-4 टाइप कैटिगरी का उपकरण है। जो प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर्स (PHWR) डिजाइन का बेहतरीन नमूना है। यह रिएक्टर बेहतरीन सेफ्टी फीचर्स से लैस है। यह रिएक्टर स्टीम जनेरेटर से लैस है, जिसका वजन करीब 215 टन है। अप्रैल 2019 में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूक्लियर ऑपरेशंस (WANO) ने KAPP-3 का प्री स्टार्टअप रिव्यू शुरू किया था।