प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर लगाया गांधीवाद के खिलाफ आचरण का आरोप
दांडी मार्च की वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने बापू को याद करते हुए ट्वीट किया और इसी बहाने कांग्रेस पर हमला बोला।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दांडी मार्च की सालगिरह पर महात्मा गांधी को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। मोदी ने कांग्रेस को महात्मा गांधी की विचारधारा के विपरीत रास्ते पर चलकर सांप्रदायिक, जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार महात्मा गांधी लोकतंत्र के प्रबल हिमायती थे और सारे फैसले गरीबों को ध्यान में रखकर लेने की बात करते थे, इसके विपरीत कांग्रेस आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है और परिवारवाद की पोषक बन गई है।
मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस के विपरीत उनकी सरकार महात्मा गांधी के सपनों के भारत के निर्माण में जुटी है और गरीबों के उत्थान के लिए ठोस काम कर रही है। महात्मा गांधी की विचारधारा से कांग्रेस के दूर हो जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने हमेशा अपने कायरें के माध्यम से ये संदेश दिया कि असमानता और जाति विभाजन उन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। लेकिन दुख की बात है कि कांग्रेस ने समाज को विभाजित करने में कभी संकोच नहीं किया।
सबसे भयानक जातिगत दंगे और दलितों के नरसंहार की घटनाएं कांग्रेस के शासन में ही हुईं। मोदी के अनुसार महात्मा गांधी ने 1947 में कहा था कि कुशासन और भ्रष्टाचार के बीच देश के गौरव की रक्षा नहीं की जा सकती है। 'लेकिन, देश ने देखा है कि कैसे 'कांग्रेस' और 'भ्रष्टाचार' एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। आप किसी भी सेक्टर का नाम ले लीजिए, आपको वहां कांग्रेस का एक घोटाला नजर आ जाएगा।' हालात यह रही कि कांग्रेसी नेता त्याग और परोपकार की बापू की सीख को खिलाफ अपने बैंक खातों को भरने और सुख-सुविधाओं को जुटाने में मशगूल रहे।
जाहिर है ये सुख-सुविधाएं गरीबों की मूलभूत आवश्यकताओं की कीमत पर जुटाई गईं।कांग्रेस के परिवादवाद पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी के कथन का हवाला दिया। मोदी के अनुसार महात्मा गांधी ने कुछ महिला कार्यकर्ताओं से बातचीत में कांग्रेस में बढ़ते भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार पर चिंता जताई थी। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। लेकिन बापू की वंशवादी राजनीति की निंदा के विपरीत 'परिवारवाद' आज की कांग्रेस का मूलमंत्र बन चुका है।
कांग्रेस में वंशवाद की बढ़ती प्रवृति को देखते हुए ही उन्होंने कांग्रेस को एक राजनीतिक दल रूप में भंग करने का सुझाव दिया था। यही नहीं, महात्मा गांधी लोकतंत्र पर अटूट आस्था के विपरीत कांग्रेस ने 'आपातकाल' के दौरान लोकतांत्रिक भावनाओं को रौंदने का काम किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार कांग्रेस की गांधीवाद के विपरीत नीतियों की तुलना में उनकी सरकार ने महात्मा गांधी की नीतियों पर अमलीजामा पहनाने का असली काम किया है।
इसी का परिणाम है कि भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने के लिए कठोर से कठोर क़दम उठाए गए। यही नहीं, सरकार के हर काम में गरीबों की भलाई और समृद्धि को ध्यान में रखा जा रहा है, जो गांधीजी के चिंतन के अनुरूप है। अपनी सरकार को बापू के पदचिह्नों पर चलते हुए जनसेवा में जुटी होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि इस जनशक्ति के सहारे भारत को कांग्रेस संस्कृति से मुक्त कर पर गांधी के सपनों को पूरा किया जा रहा है।