अनुच्छेद-35A महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान, कहा- तिरंगा छोड़ सकते हैं कश्मीरी
केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आग से मत खेलो अनुच्छेद-35A से छेड़छाड़ मत करो वरना 1947 से अब तक जो आपने नहीं देखा वह देखोगे।
नई दिल्ली (एएनआई)। पुलवामा हमले के बाद उठी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35A खत्म करने की बात पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है। केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आग से मत खेलो, अनुच्छेद-35A से छेड़छाड़ मत करो वरना 1947 से अब तक जो आपने नहीं देखा, वह देखोगे। यदि ऐसा होता है तो मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगा उठाने की बजाए कौन सा झंडा उठाएंगे।
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार और गवर्नर की जिम्मेदारी प्रदेश में चुनाव करवाने भर की है। इसलिए चुनाव ही कराएं, लोगों को फैसला लेने दें। नई सरकार खुद ही आर्टिकल 35A को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में 35 A पर इसी हफ्ते सुनवाई
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते सुनवाई करेगा। कोर्ट ने 26-28 फरवरी के बीच मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले अनुच्छेद 35 A पर कड़ा रुख अपना सकती है। अनुच्छेद 370 को हटाना भाजपा का हमेशा से राजनीतिक रुख भी रहा है। हालांकि भाजपा की सहयोगी जदयू और अकाली दल इसकी विरोधी रही हैं।
जानिए- क्या है आर्टिकल 35A
अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को राज्य के स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। राज्य में 14 मई 1954 को इसे लागू किया गया था। यह अनुच्छेद संविधान में मूल रूप में नहीं था। प्रदेश के स्थायी नागरिक को कुछ विशेष अधिकार होते हैं। गौरतलब है कि धारा 35A के तहत जम्मू-कश्मीर में वहां के मूल निवासियों के अलावा देश के किसी दूसरे हिस्से का नागरिक कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता है। इससे वह वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता है।
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