सावरकर मुद्दे पर कांग्रेस के 'संकटमोचक' बने शरद पवार, महाराष्ट्र में विपक्षी फूट पड़ने से बचाया
कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने इस मुद्दे में दखल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से सोमवार शाम को बुलाई गई जिसमें विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान शरद पवार ने शिवसेना (UBT) की चिंताओं से कांग्रेस नेतृत्व को अवगत कराया।
नई दिल्ली, पीटीआई। वी डी सावरकर पर राहुल गांधी के दिए बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। गांधी की सावरकर पर तीखी आलोचना को लेकर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन में तनाव का मौहाल है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इसपर सबसे ज्यादा नाराजगी जताई है। इस बीच, राकांपा प्रमुख शरद पवार शांतिदूत बनकर सामने आए हैं।
शरद पवार ने मध्यस्थता की ओर रखा कदम
कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने इस मुद्दे में दखल दिया है। 'संकटमोचक' की भूमिका निभाते हुए पवार ने मध्यस्थता की ओर कदम रखा है। उन्होंने राहुल गांधी को चुप्पी की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से सोमवार शाम को बुलाई गई, जिसमें विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान शरद पवार ने शिवसेना (UBT) की चिंताओं से कांग्रेस नेतृत्व को अवगत कराया।
क्या कहा शरद पवार ने
NCP सुप्रीमो शरद पवार ने कहा, महाराष्ट्र में श्रद्धेय माने जाने वाले वी डी सावरकर को निशाना बनाने से महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन को कोई फायदा नहीं होगा। इस बात की जानकारी बैठक में शामिल दो नेताओं ने दी। बता दें कि बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे।
इसके साथ ही पवार ने राहुल गांधी को यह भी बताया कि सावरकर कभी आरएसएस के सदस्य नहीं थे और इस बात को रेखांकित किया कि विपक्षी दलों की असली लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ है। वहीं विपक्षी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सावरकर की अपनी आलोचना को शांत करने के लिए सहमत हो गई है।
क्या है पूरा ममला
आपको मालूम हो कि भाजपा ने ब्रिटेन के राहुल गांधी के हालिया दौरे पर भारत को "निंदा" करने के लिए उनसे माफी मांगी, जिसपर वायनाड के पूर्व लोकसभा सदस्य ने कहा था कि वह सावरकर नहीं थे और वह माफी नहीं मांगेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सावरकर पर हमले के लिए गांधी की आलोचना की थी और कहा था कि उनका संगठन स्वतंत्रता सेनानी का कोई अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
बता दें कि सावरकर को निशाना बनाने वाली गांधी की टिप्पणी के विरोध में खड़गे द्वारा बुलाई गई बैठक में शिवसेना के ठाकरे गुट ने भाग नहीं लिया था।