संसदीय समिति ने दिया सुझाव, रेलवे के पेंशन में अंशदान पर विचार करे वित्त मंत्रालय
आंतरिक संसाधन तैयार करने पर रेलवे की पारंपरिक समिति ने कहा है कि रेलवे पर अभी सालाना 50,000 करोड़ रुपये के पेंशन भुगतान का भार है।
By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 09:55 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। एक संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि वित्त मंत्रालय रेलवे की पेंशन जवाबदेही को पूरी तौर पर नहीं तो उसके एक हिस्से का वहन करने पर विचार करे। ऐसा ही वह अन्य मंत्रालयों में कर रहा है। आंतरिक संसाधन तैयार करने पर रेलवे की पारंपरिक समिति ने कहा है कि रेलवे पर अभी सालाना 50,000 करोड़ रुपये के पेंशन भुगतान का भार है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बोर्ड से बताया है कि जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए सभी पेंशनधारकों के पेंशन आर्डर का पुनरीक्षण किया जाएगा। बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि यह अनिवार्य किया गया है कि रेलवे का खर्च उसकी आय से निकाला जाएगा।
यह केवल रेल मंत्रालय है जो हर किसी के पेंशन दायित्व का निर्वाह कर रहा है। इसके अलावा यह भार वित्त मंत्रालय वहन करता है। उन्होंने वेतन और पेंशन ढांचे पर भी प्रकाश डाला। समिति लोहानी की बातों से सहमत हुआ और कहा कि रेलवे बोर्ड को वित्त मंत्रालय से इसके लिए संपर्क करना चाहिए।
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