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सांसदों के निलंबन पर बढ़ी तकरार, विपक्ष ने विरोध को धार देने का किया एलान, सरकार पीछे हटने को नहीं तैयार

राज्यसभा में विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर तकरार और बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने एकजुट होकर निलंबन के खिलाफ लड़ाई को और धार देने की घोषणा की और बुधवार को संसद परिसर में बड़े विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 07:05 AM (IST)
सांसदों के निलंबन पर बढ़ी तकरार, विपक्ष ने विरोध को धार देने का किया एलान, सरकार पीछे हटने को नहीं तैयार
सांसदों के निलंबन पर बढ़ी तकरार । (फोटो-एएनआइ)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर तकरार और बढ़ गई है। लिहाजा इसके चलते सदन की कार्यवाही मंगलवार को भी बाधित रही। विपक्षी दलों ने एकजुट होकर निलंबन के खिलाफ लड़ाई को और धार देने की घोषणा की और बुधवार को संसद परिसर में बड़े विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। इसमें राज्यसभा के अलावा विपक्षी दलों के लोकसभा सदस्य भी शामिल होंगे। निलंबन को गैरकानूनी करार देते हुए विपक्ष का आरोप है कि सदन में विपक्षी दलों की आवाज बंद करने की कोशिश के तहत यह कदम उठाया गया है, इसलिए निलंबन वापस होने तक विपक्ष इसके खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगा। वहीं, सरकार ने एक बार फिर साफ किया कि विपक्षी सांसद माफी मांग लें तो वह उनका निलंबन वापस लेने को तैयार है।

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राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के बाहर और भीतर आक्रामक तरीके से सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाकर विरोध का इजहार किया। सदन शुरू होते ही सभापति वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे पर खड़गे के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया। इसे लेकर हंगामा शुरू हुआ और सदन दो बजे तक के लिए स्थगित हो गया।

दोबारा सदन शुरू हुआ तो स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच दो विधेयक पेश किए और बहस करके इन्हें पारित कराने की पेशकश की। लेकिन विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध और शोर-शराबे के बीच सदन तीन बजे तक स्थगित होने के बाद फिर शुरू हुआ तो खड़गे ने विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई को गैरकानूनी ठहराते हुए कहा कि मानसून सत्र का अवसान होने के बाद निलंबन असंवैधानिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को बंद करके संसद को तानाशाही तरीके से चलाना चाहती है, विपक्षी दल ऐसा नहीं होने देंगे। जब तक निलंबन वापस नहीं होगा, विपक्षी दल अपना विरोध जारी रखेंगे।

सरकार की ओर से हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि हम शोर-शराबे में विधेयक पारित नहीं करना चाहते। हम भी चाहते हैं कि निलंबित सांसद सदन की कार्यवाही में शामिल हों। हम निलंबन खत्म करने के लिए तैयार हैं बशर्ते पिछले सत्र के दौरान सदन में अशोभनीय आचरण करने वाले विपक्षी सदस्य माफी मांगे। विपक्षी सदस्य जोशी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और हंगामा जारी रहा। तब संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष का रवैया यही रहा तो शोर-शराबे में विधेयक पारित करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचेगा। हंगामा बढ़ता देख उपसभापति ने सदन पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।


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