संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा सप्ताह भी चढ़ सकता है हंगामे की भेंट
संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरा सप्ताह भाजपा सदस्य जहां राहुल गांधी से माफी की मांग करेंगे, वहीं कांग्रेस बचाव करने के बजाय आक्रामक दिखने की कोशिश करेगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा सप्ताह भी हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। राफेल के मुद्दे पर सरकार को घेर रही कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तेज झटका लगा है, जिसे लेकर सत्तारुढ़ दल ने शुक्रवार को ही संसद के दोनों सदनों में अपना कड़ा रुख दिखा दिया था। कांग्रेस भी इसे लेकर बाहें चढ़ा रही है।
वह अपने तरीके से कुछ खामियां गिनाकर संयुक्त संसदीय दल की मांग पर अड़ेगी। इससे टकराव की नौबत आ सकती है। इसके बावजूद संसद के उच्च सदन को चलाने के लिए सभापति ने विपक्षी दलों की उठाये मुद्दों पर चर्चा कराना स्वीकार किया है। लेकिन बहस होने पर संदेह है।
भाजपा सदस्य जहां राहुल गांधी से माफी की मांग करेंगे, वहीं कांग्रेस अपना बचाव करने के बजाय आक्रामक दिखने की कोशिश करेगी। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाप्टर में दलाली का मुद्दा भी भाजपा उठाकर कांग्रेस को घेरेगी। इन सारे विवादित मुद्दों के अलावा राज्यसभा में विपक्षी दलों के उठाये मुद्दों पर बहस कराने की तैयारी भी है।
राज्यसभा में गैर विधायी कार्यो में इन्हें सूचीबद्ध किया गया है। इनमें राज्यसभा सदस्य एआईडीएमके के डाक्टर मैत्रेयन व अन्य सदस्यों की मांगों को मंजूर कर लिया गया है। उनके ध्यानाकर्षण नोटिस पर दक्षिण भारत में आए तूफान 'तितली' और 'गज' से हुई तबाही पर मंगलवार को चर्चा कराया जाना तय है। इसे पिछले सप्ताह भी चर्चा के लिए मंजूर किया गया था, लेकिन भारी हंगामा की वजह से चर्चा नहीं कराई जा सकी थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इसी सप्ताह महंगाई पर चर्चा कराने की मांग कार्य स्थगन के नियमों के तहत की थी। लेकिन सभापति ने इस महत्त्वपूर्ण विषय पर अल्पकालिक चर्चा की मंजूरी दी है, जिसे अगले सप्ताह की कार्य सूची में रखा गया है।
कांग्रेस अन्य वस्तुओं की महंगाई समेत पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य में हुई भारी बढ़ोतरी पर चाहती है। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने हर सप्ताह ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अल्पकालिक चर्चा के तहत विभिन्न अहम मुद्दों पर बहस कराने का फैसला किया है।
राज्यसभा में सुबह शून्यकाल होगा, जिसके बाद सदस्यों के सवालों का जवाब सरकार देगी। इसके बाद गैर विधायी कार्यो पर चर्चा कराने का प्रावधान किया गया है। हालांकि शुक्रवार को सूचीबद्ध विधायी कार्यो को अगले सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। इनमें नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, राइट आफ चिल्ड्रेन टू फ्री कंपलसरी एजुकेशन और द रिप्रजेंटेशनश आफ द पीपुल्स जैसे विधेयक प्रमुख है।