Monsoon Session 2022: गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ, संसद ने केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को दी मंजूरी
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए रेल व दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के तहत रेलवे के साथ ही पूरे परिवहन क्षेत्र को लाया गया है। रेलवे मेट्रो और परिवहन क्षेत्र एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है।
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद ने सोमवार को राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान (NRTI) को गति शक्ति विश्वविद्यालय के नाम से एक स्वायत्त केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। गुजरात के वडोदरा में स्थित एनआरटीआइ को अभी डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है।
राज्यसभा ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। पिछले हफ्ते लोकसभा में भी यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ था। इस विधेयक के जरिये गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही उसके दायरे को भी विस्तारित किया गया है।
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए रेल व दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के तहत रेलवे के साथ ही पूरे परिवहन क्षेत्र को लाया गया है। रेलवे, मेट्रो और परिवहन क्षेत्र एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। रेलवे प्रणाली को चलाने के लिए मैकेनिकल, इलेक्टि्रकल, दूरसंचार, सिग्नलिंग और सिविल सहित कई विषय एक साथ आते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए इसमें वैश्विक स्तर की शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए सरकार अमेरिका के एमआइटी के साथ करार कर चुकी है। परिवहन क्षेत्र में बेहतरीन शिक्षा देने वाले विश्व के दूसरे संस्थानों के साथ भी करार किया जा रहा है।
देशभर में स्थापित किए जाएंगे इसके परिसर
रेल मंत्री ने कहा कि गति शक्ति विश्वविद्यालय के देश के विभिन्न क्षेत्रों में परिसर स्थापित किए जाएंगे। इससे ज्यादा बच्चों को दाखिला मिलेगा। रेलवे ने अपने बजट में पहले ही इसके लिए 166 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। भवन निर्माण के लिए और बजट की व्यवस्था की जा रही है।
गति शक्ति विश्वविद्यालय में क्या-क्या होगा शामिल
एनआरटीआइ की जगह लेने वाले गति शक्ति विश्वविद्यालय के तहत रेलवे समेत पूरे परिवहन क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसमें परिवहन के क्षेत्र में हो रहे सभी आधुनिक विकास कार्यो को पढ़ाया जाएगा। साथ ही इस दिशा में प्रशिक्षण, कौशल और रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे परिवहन क्षेत्र में आ रहे नए बदलावों के लिए टैलेंट की आपूर्ति हो सकेगी।