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पीएम नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी की पेंटिंग 25 लाख रुपये में बिकी

ई-नीलामी में बिके सामान से मिली धनराशि को सरकार के नमामि गंगे अभियान के लिए दान कर दिया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 11:52 PM (IST)
पीएम नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी की पेंटिंग 25 लाख रुपये में बिकी

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली तोहफों की प्रदर्शनी में ई-नीलामी का शुक्रवार को समापन हो गया। इसमें सबसे ऊंची बोली प्रधानमंत्री और महात्मा गांधी की पेंटिंग की लगी, जिसे 25 लाख रुपये में बेचा गया है।

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सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ई-नीलामी में बिके सामान से मिली धनराशि को सरकार के नमामि गंगे अभियान के लिए दान कर दिया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित विगत 14 सितंबर से शुरू हुई ई-नीलामी के दौरान प्रधानमंत्री को भेंट किए गए 2,772 स्मृति चिन्हों की ऑनलाइन बिक्री की गई है। प्रधानमंत्री मोदी को भेंट में मिली इन सभी वस्तुओं को प्रदर्शनी के लिए नेशनल गैलरी ऑफ मार्डन आर्ट (एनजीएमए) में रखा गया है। इसमें स्मृति चिन्हों के साथ ही पेंटिंग, प्रतिमाएं, शॉल, जैकेट और परंपरागत वाद्य यंत्र शामिल हैं।

पहले ई-नीलामी सिर्फ तीन अक्टूबर तक ही होने वाली थी, लेकिन फिर इस प्रक्रिया को और तीन हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया। शुक्रवार तक प्रधानमंत्री मोदी को देश-विदेश से भेंट में मिली सभी वस्तुओं की नीलामी हो चुकी थी।

प्रख्यात हस्तियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस नीलामी में रुचि ली। बॉलीवुड सितारों जैसे अनिल कपूर, अर्जुन कपूर और गायक कैलाश खेर ने इसका प्रचार किया। नीलामी किए जाने वाले तोहफों में सबसे सस्ता सामान 500 रुपये के बेस प्राइस की गणपति की एक छोटी प्रतिमा थी। इतनी ही कीमत का कमल के आकार का एक लकड़ी का बॉक्स भी नीलामी में रखा गया था। नीलामी के लिए सबसे अधिक बेस प्राइस 2.5 लाख रुपये प्रधानमंत्री और महात्मा गांधी की एक्रेलिक पेंटिंग थी जिसकी पृष्ठभूमि में तिरंगा बना था। इसकी सबसे ऊंची बोली 25 लाख रुपये की लगी थी। इसके अलावा, एक हजार रुपये के बेस प्राइस वाली प्रधानमंत्री मोदी की अपनी मां के साथ फोटो बीस लाख रुपये में बिकी है। प्रदर्शनी में नीलाम किया गया एक अन्य चर्चित तोहफा मणिपुर की लोककला थी। इसका बेस प्राइस तो 50 हजार रुपये ही रखा गया था, लेकिन इसकी बिक्री दस लाख रुपये में हुई। धातु की बनी बछड़े को दूध पिलाती गाय की कलाकृति का आधार मूल्य मात्र 4 हजार रुपये था, लेकिन इसकी बिक्री दस साल रुपये में हुई। 14 सेंटीमीटर की धातु की बनी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का आधार मूल्य चार हजार रुपये था, लेकिन यह छह लाख रुपये में बिकी है। संस्कृति मंत्रालय और एनजीएमए की ओर से यह नहीं बताया गया है कि यह सभी तोहफे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसने दिए थे और उसे किसे बेचा गया है।

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