नियोजित शहरीकरण से देश के आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पिछली सरकारों में शहरीकरण को सही तरीके से समझा ही नहीं गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी एक दशक में देश की शहरी आबादी 60 करोड़ से अधिक हो जाएगी। नियोजित शहरीकरण से देश के आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी। इसे लेकर सरकार बहुत गंभीर है। स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत जैसी योजनाएं इसके मद्देनजर शुरु की गई हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पिछली सरकारों में शहरीकरण को सही तरीके से समझा ही नहीं गया। पुरी यहां एक समारोह में बोल रहे थे।
-पिछले 70 सालों में नजरअंदाज होता रहा है शहरीकरण
इंडियाज सिटी सिस्टम के सालाना सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले ब्रिटिश काल में शहरीकरण के नाम पर केवल समुद्र के किनारे बंदरगाह विकसित किये गये। वस्तुओं की ढुलाई और अपनी जरूरत वाली जगहों का विकास किया गया। पिछले 70 साल तक शहरीकरण के नजरअंदाज करने की वजह से शहरों का विकास अस्त व्यस्त तरीके से टुकड़ों-टुकड़ों में हुआ। लिहाजा हमारे शहरों के बाहरी हिस्सों में अवैध कालोनियां विकसित होती गई और स्लम का अंबार लग गया।
वर्ष 2014 में सरकार आने के बाद शहरों के विकास पर नियोजित तरीके से विचार शुरु हुआ। शहरी बुनियादी ढांचा विकसित करने को प्राथमिकता दी गई। इससे जहां रोजी रोजगार का सृजन होगा, वहीं आर्थिक विकास की गाड़ी दौड़ पड़ेगी। देश में 500 अमृत शहरों का चयन किया गया, जहां पेयजल, सीवर लाइन, ट्रैफिक, प्रधानमंत्री आवास योजना व बिजली की आपूर्ति पर ध्यान दिया गया। स्थानीय निकायों व राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र ने इसके समन्वित विकास पर जोर दिया है।
शहरी निकायों में वहां के रहने वालों के सुझाव से योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इससे जन आंदोलन उठ खड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन इसकी जीती जागती नजीर है। दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन का मुद्दा उठाते हुए पुरी ने कहा कि इसे तैयार करने वालों को आज की दिल्ली की आबादी के बारे में अनुमान लगाने में चूक हुई है। नतीजतन, मास्टर प्लान का अतिक्रमण हुआ और हालत नाजुक हो गये हैं। पर्यावरण प्रदूषण के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
उन्होंने कहा कि शहर के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को भला कैसे स्वीकार किया जा सकता है। दिल्ली विकास प्राधिकरण दिल्ली के मास्टर प्लान में संशोधन करने के लिए अधिकृत है। मास्टर प्लान में अब तक 248 बार संशोधित किया जा चुका है। फिलहाल 48 संशोधन किये गये हैं। लेकिन राजनीतिक तौर पर बेवजह का होहल्ला शुरु हो गया है। सारा खेल कन्वर्जन चार्ज को लेकर हो रहा है। पुरी ने कहा कि सौ वर्ग मीटर के भूखंड वाले कई लोगों ने उसे बढ़ाकर 350 वर्ग मीटर तक कर लिया है। ऐसे लोगों पर भारी चार्ज लगाया जा सकता है, जिसे लेकर विरोध हो रहा है।