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चिदंबरम ने रखी बजट पर कांग्रेस की विश लिस्ट, रोजगार बढ़ाने समेत कई अहम मुद्दों पर दिए 10 सुझाव

अर्थव्यवस्था के संकटपूर्ण हालात में आ रहे आम बजट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में पार्टी की आर्थिक मामलों की समिति में हुई मंत्रणाओं के बाद कांग्रेस ने बजट में इन पहलुओं को तवज्जो दिए जाने पर जोर दिया।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 09:36 PM (IST)
चिदंबरम ने रखी बजट पर कांग्रेस की विश लिस्ट, रोजगार बढ़ाने समेत कई अहम मुद्दों पर दिए 10 सुझाव
मनमोहन की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की समिति में चिदंबरम ने रखी बजट पर कांग्रेस की विश लिस्ट

नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस ने आम बजट में अर्थव्यवस्था को मंदी से निकालने के साथ रोजगार पैदा करने के लिए अहम कदम उठाने का सुझाव देते हुए वित्त मंत्री से संरक्षणवादी नीतियों से परहेज करने को कहा है। पार्टी ने बजट में स्वास्थ्य ढांचे के साथ रक्षा बजट में बड़े इजाफे की सलाह देते हुए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में गरीबों को नगद सहायता देने, टैक्स की दरों में कमी, बंद हुई एमएसएमइ इकाइयों को चालू करने से लेकर सरकार के पूंजीगत व्यय में इजाफे जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाने का सुझाव दिया है।

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चिदंबरम ने रखी बजट पर कांग्रेस की विश लिस्ट

अर्थव्यवस्था के संकटपूर्ण हालात में आ रहे आम बजट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में पार्टी की आर्थिक मामलों की समिति में हुई मंत्रणाओं के बाद कांग्रेस ने बजट में इन पहलुओं को तवज्जो दिए जाने पर जोर दिया। पूर्व वित्त मंत्री कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि भाजपा सरकार वैसे तो अच्छी सलाह को न मानने के लिए जानी जाती है फिर भी हम बजट में कुछ अहम कदम उठाने के लिए वित्तमंत्री को कहेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक स्थिति डांवाडोल थी और कोरोना महामारी ने इसे रसातल में पहुंचा दिया है। इसकी वजह से चालू वर्ष में पूंजी निवेश को गहरी चोट लगेगी, राजस्व घाटा पांच प्रतिशत के लगभग रहेगा और राजकोषीय घाटा सात फीसद से ज्यादा हो जाएगा।

वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी की वृद्धि दर पांच फीसद से ज्यादा नहीं होगी और इस वजह से बेरोजगारी की दर अधिक बनी रहेगी। खत्म हुई ज्यादातर नौकरियां फिर से बहाल नहीं होंगी और नई नौकरियों के सृजन की दर भी बहुत मामूली होगी। उनके मुताबिक चूंकि अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी सीधे वी आकार में नहीं होगी इसलिए सामाजिक असमानता की खाई और बढ़ेगी। अर्थव्यवस्था की इन बहुआयामी चुनौतियों को देखते हुए ही चिदंबरम ने दस सूत्री सुझाव वित्तमंत्री को देते हुए कहा कि सरकार चाहे तो ऐसा करने में राजस्व की व्यवस्था उसके आड़े नहीं आएगी।

बजट के लिए कांग्रेस के सुझाव :

  • चाहे देर से ही सही, अर्थव्यवस्था को बड़ा वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाए, प्रोत्साहन से लोगों के हाथों में पैसा जाएगा और मांग बढ़ेगी।
  • सबसे गरीब 20 से 30 प्रतिशत परिवारों को छह माह तक सीधे पैसा दिया जाए।
  • एमएसएमई को पुर्नजीवित करने की योजना लागू कर बंद यूनिट चालू किए जाएं ताकि नई-पुरानी नौकरियां बहाल हो सकें।
  • टैक्स दरों, खासकर जीएसटी व अन्य अप्रत्यक्ष कर दरों, पेट्रोल-डीजल की टैक्स दरों में कटौती की जाए।
  • सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़ाया जाए।
  • सरकारी क्षेत्र के बैंकों में पैसा पहुंचाया जाए और उन्हें हर लोन पर जांच एजेंसियों की निगरानी के भय से मुक्त कर कर्ज देने को प्रोत्साहित किया जाए।
  • संरक्षणवादी नीतियों को खत्म कर अधिक से अधिक देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते हों तथा आयात के खिलाफ पूर्वाग्रह का त्याग किया जाए।
  • दूरसंचार, बिजली, खनन, निर्माण, विमानन एवं पर्यटन व आतिथ्य सत्कार सेक्टर के लिए विशेष पुनरोद्धार पैकेज बने।टैक्स कानूनों में किए गए संशोधनों की समीक्षा कर उन संशोधनों को रद किया जाए जिन्हें व्यापक रूप से टैक्स आतंक माना जा रहा।
  • आरबीआइ, सेबी, ट्राई और अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों के बनाए उन नियमों की समीक्षा की जाए जो वास्तव में अति-नियमन बन गए हैं।

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