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प्रभारी मंत्री के दिव्‍यांगों के बारे में अपमानजनक शब्दों के प्रयोग से आक्रोश, सड़क पर उतरे

प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा द्वारा गुरुवार को किसान कर्जमाफी सम्मेलन में निशक्तजनों को लेकर बोले गए अपमानजनक शब्दों के बाद बवाल मच गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 07:31 AM (IST)
प्रभारी मंत्री के दिव्‍यांगों के बारे में अपमानजनक शब्दों के प्रयोग से आक्रोश, सड़क पर उतरे
प्रभारी मंत्री के दिव्‍यांगों के बारे में अपमानजनक शब्दों के प्रयोग से आक्रोश, सड़क पर उतरे

मंदसौर, राज्‍यब्‍यूरो/एजेंसी। प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा द्वारा गुरुवार को किसान कर्जमाफी सम्मेलन में निशक्तजनों को लेकर बोले गए अपमानजनक शब्दों के बाद बवाल मच गया।  भाषण के दौरान हुकुम सिंह कराड़ा ने कहा था कि क्‍या अंधे, लंगड़े, लूले लोगों को पेंशन तीन सौ रुपये से एक हजार रुपये करना गलत काम है? किसानों के लिए रुपये सौ-सौ यूनिट करना गलत काम है? इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा रही थी।

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दिव्यांग संगठनों का गांधी चौराहे पर विरोध प्रदर्शन

शुक्रवार को दिव्यांग संगठनों ने इस बयान को लेकर गांधी चौराहे पर प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और तीन दिन में माफी नहीं मांगने पर एफआईआर कराने की चेतावनी दी। इस दौरान यहां विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, नगरपालिका अध्यक्ष राम कोटवानी और भाजपा जिला मंत्री हिम्मत डांगी भी शामिल हुए।

बयान जारी कर माफी मांगी

इधर, शुक्रवार को प्रभारी मंत्री ने जनसंपर्क विभाग के माध्यम से बयान जारी कर माफी मांगी है। इसमें कहा गया है कि मेरे द्वारा निशक्तजनों के प्रति बोलचाल और प्रचलन की भाषा में जो शब्द बोल दिए गए थे, इसका मुझे दुख है। मेरी भावना किसी को ठेस पहुंचाने की कतई नहीं थी। दिव्यांगों के प्रति मैं पूरा सम्मान व्यक्त करता हूं। मेरा आशय इनके लिए 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए पेंशन कर देना हमारी सरकार की 'सेवा भावना' को दर्शाने से था। विरोधियों को यह 1000 रुपए पेंशन कर देने से दर्द हो रहा है। दिव्यांगजन हर वर्ग हर जाति में हमारे वह सम्‍मानित जन हैं, जो हमें सेवा करने की प्रेरणा देते हैं। निशक्तजनों के साथ अंतर्मन से मेरी सहानुभूति है। इसके बाद दिव्यांग संगठन ने विरोध प्रदर्शन निरस्त कर दिया।  


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