फेयरवेल स्पीच के दौरान जयललिता को याद कर रो पड़े सांसद, देखें VIDEO
राज्यसभा में एआइएडीएमके सांसद वी मैत्रेयन ने फेयरवेल स्पीच दी और तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता को याद कर रो पड़े।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यसभा में भाकपा के डी. राजा और अन्नाद्रमुक के डॉ वी. मैत्रेयन सहित पांच सदस्यों को उनका कार्यकाल पूरा होने पर विदाई दी गई। डी. राजा और मैत्रेयन के अलावा तीन अन्य सदस्य अन्नाद्रमुक के ही के आर अर्जुनन, आर. लक्ष्मणन और टी. रत्नावेल हैं।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और पांच सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन सभी सदस्यों ने सदन में होने वाली बहसों, चर्चा आदि में हिस्सा लिया और अपने राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने सभी सदस्यों के दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए उन्हें आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं दीं।
#WATCH Outgoing AIADMK MP V Maitreyan breaks down while giving farewell speech in Rajya Sabha; says, "At this juncture I place on record deep sense of gratitude towards my beloved leader, Amma (Jayalalithaa) for having immense faith in me & sending me to this House for 3 terms," pic.twitter.com/flFpqRqen4 — ANI (@ANI) July 24, 2019
सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने कहा कि भले ही उच्च सदन में पांचों सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया हो लेकिन वे जनता की सेवा करते रहेंगे। 'मैं उनके बेहतर जीवन की कामना करता हूं।'
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इन सभी सदस्यों के योगदान का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि सदन में फिर उनकी वापसी होगी। उन्होंने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष हैं लेकिन उन्हें बोलने का मौका मुश्किल से ही मिल पाता है। 'लेकिन राजा ऐसे नेता हैं जिन्होंने एक दिन में हर मुद्दे पर चार या पांच बार अपनी बात रखी। शून्यकाल से लेकर बैठक स्थगित होने तक उनकी बोलने की क्षमता के बारे में मैं नहीं जान पाया।'
इस पर सभापति नायडू ने कहा 'क्योंकि वह राजा हैं और आज से वह प्रजा के पास जा रहे हैं।' सभापति ने राजा की सराहना करते हुए कहा कि कल से उन्हें मुस्कुराता हुआ एक चेहरा नजर नहीं आएगा। आजाद ने राजा को भाकपा का राष्ट्रीय महासचिव चुने जाने पर बधाई भी दी।
राजा ने कहा कि इस सदन में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला और वह खासा अनुभव ले कर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कुछ काम अधूरे रह गए हैं। दलितों, पिछड़ों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को आज भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है जो नहीं होना चाहिए।'
रत्नावेल ने कहा कि उन्होंने बहुत कुछ सीखा और एमपीलैड के तहत मिली राशि जनकल्याण के कार्यो में खर्च की। द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद तमिलनाडु के हितों के मुद्दे पर उन्हें इन सदस्यों का साथ मिला।