Jagran Dialogues: बिहार में अच्छी सरकार चलाना हमारा फोकस - कांग्रेस नेता रंजीत रंजन
दैनिक जागरण के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कांग्रेस की राज्य सभा सांसद रंजीत रंजन ने कई सारी बातें सामने रखीं। उन्होंने कहा कि बिहार में अच्छी सरकार चलाना कांग्रेस फोकस है। खबर में पढ़ें सांसद की बातें-
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दैनिक जागरण के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कांग्रेस की राज्य सभा सांसद रंजीत रंजन ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने जागरण डायलॅाग के प्रोग्राम में स्मृति रस्तोगी से कांग्रेस की राजनीति और रणनीति पर भी चर्चा की। इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में अच्छी सरकार चलाना और राज्य के लोगों को संतुष्ट करना हमारा फोकस है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में जो हमारे मिनिस्टर बने हैं अच्छा परफॉर्म करें। रंजन ने कहा कि बिहार के लोगों ने इस महागठबंधन से बहुत उम्मीदें रखी हैं। इसलिए हमारा चैलेंज ये है कि हम सब मिलकर बिहार वालों को संतुष्ट करें।
कांग्रेस की सोच और बिहार की रणनीति
रंजीत रंजन ने बताया कि कांग्रेस ने कभी भी जाति की राजनीति नहीं की है। बिहार में पार्टी के लोगों की वरिष्ठता, लॉयल्टी और उनके काम के अनुसार ही चीजें हुईं हैं। महागठबंधन के समीकरण के साथ लोगों को खुश रखते हुए बैलेंस करने की कोशिश की गई है।
बिहार को चलाने में क्या है चैलेंज
रंजीत रंजन ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार को चलाने के लिए तमाम चैलेंज का सामना करना है। जैसे कि बेरोजगारी, राज्य की आर्थिक स्थिति, बिहार का लॉ एंड ऑर्डर और जितनी भी स्कीमें उसका इंप्लीमेंटेशन बढ़िया हो और अच्छे से हो ताकि वहां पर कुछ इंडस्ट्रियलिस्ट आए।
55 साल कांग्रेस ने देश को बहुत कुछ दिया
रंजन ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने 55 साल देश को बहुत कुछ दिया है। उन्होंने बताया कि सिर्फ पार्टी ने ही नहीं दिया बल्कि इसमें पूरे लोग खड़े थे। पूरा लोकतंत्र खड़ा था और हम लोकतंत्र के साथ चले। आज इतनी पॉलिसीज है, जिस पर काम हो रहा है। वो कांग्रेस की ही दी हुई है। चाहे वह दलित, माइनॉरिटीज, ओबीसी या फिर डेवलपमेंट के लिए दी गई हो।
लोगों से संवादहीनता के कारण कांग्रेस पिछड़ी
रंजीत रंजन ने बताया कि जब जाति समीकरण आने लगा तो हम धीरे-धीरे हम बंटने लगे, जिसके कारण कांग्रेस बहुत पीछे हो गई। उन्हें बताया कि कहीं ना कहीं हम कांग्रेसी, लोगों के साथ पर्सनल कांटेक्ट में पिछड़ गए। हमने छोटे वर्कर्स का साथ छोड़ दिया था। उनके साथ बातचीत छोड़ दी थी, जिसके कारण हम पीछे हो गए। लेकिन अब हम लगातार मुद्दों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।