विपक्ष को रास नहीं आया गंगा में क्रूज पर्यटन, यूपी में अखिलेश तो बिहार में जदयू अध्यक्ष ने किया विरोध
जलमार्गों से व्यापार का हजारों वर्ष पुराना इतिहास और सड़क व रेल मार्ग की तुलना में जलमार्ग से परिवहन की कम लागत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबी दूरी के क्रूज गंगा विलास को वर्चुअल हरी झंडी दिखाई। फाइल फोटो।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 14 Jan 2023 10:20 PM (IST)
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि भारत और बांग्लादेश में 2525 किलोमीटर तक बहने वाली पावन नदी गंगा के सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के साथ आर्थिक महत्व को पुरातन काल की तरह भुनाया जाए। गंगा तटीय क्षेत्रों के लिए यह नदी जीविका का भी साधन बनाने की मंशा से ही पीएम मोदी ने अर्थ गंगा कार्यक्रम शुरू किया है, लेकिन इसके साथ ही विपक्ष की सियासी धारा भी चल पड़ी है। गंगा विलास रिवर क्रूज के शुभारंभ के साथ सामने आया समाजवादी पार्टी, राजद, जदयू, तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा का रुख इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
जलमार्गों से व्यापार का हजारों वर्ष पुराना इतिहास और सड़क व रेल मार्ग की तुलना में जलमार्ग से परिवहन की कम लागत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबी दूरी के क्रूज गंगा विलास को वर्चुअल हरी झंडी दिखाई। यह क्रूज यूपी के वाराणसी से शुरू होकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक का सफर करेगा, इसलिए सभी राज्यों को सहभागी बनाने के लिए वहां के मुख्यमंत्रियों को केंद्र सरकार की ओर से अपने-अपने राज्यों में कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कार्यक्रम में पहुंचे
उत्तर प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी खुद कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन मुख्य विपक्षी समाजवादी की ओर से 'लहर काट' शुरू कर दी गई। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उससे पहले ही आरोप लगाना शुरू कर दिया कि भाजपा सरकार वाराणसी जैसे पवित्र स्थल को विलास के लिए पर्यटन केंद्र बनाना चाहती है। पार्टी नेताओं ने क्रूज चलाए जाने को निषाद-केवल समाज के अधिकारों पर कुठाराघात बताना शुरू कर दिया है।बिहार में नहीं चलने देंगे क्रूज- ललन सिंह
वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बयान सामने आया कि क्रूज चलाने के लिए सरकार गंगा की गाद सफाई के नाम पर जनता का पैसा बर्बाद करेगी। उन्होंने ऐलान कर दिया कि वह बिहार में क्रूज नहीं चलने देंगे। खैर, इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से सभी संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया। बिहार में असमंजस वाली स्थिति सामने आई। जदयू अध्यक्ष ने पहले ही विरोध कर चुके और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन महागठबंधन के साथी दल राजद के नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव न सिर्फ कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए, बल्कि इस पहल को प्रधानमंत्री की दूरगामी सोच बताया। योजना को लेकर आगे बिहार सरकार क्या रुख रहेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं किया जा सकता।
हेमंत सोरेन और ममता बनर्जी ने किया कार्यक्रम से किनारा
पोत, पत्तन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, लेकिन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इससे किनारा कर गए। यह सामने है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ही केंद्र की इस योजना में साथ आए हैं।2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किसी भी सरकार की योजनाओं के पीछे उसके राजनीतिक लाभ भी छिपे होते हैं। चूंकि, मोदी सरकार का अर्थ गंगा अभियान कई राज्यों में गंगा व अन्य नदियों के किनारे बसी आबादी को लाभान्वित करेगा, वहां कारोबार बढ़ा सकता है। इसे देखते हुए विपक्षी सतर्क है, क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं।
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