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एक सुर से लखीमपुर में प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरा विपक्ष, घटना को बताया बर्बर

लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जान जाने की घटना से उद्वेलित विपक्षी दलों ने एक सुर से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोल दिया है। विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि भाजपा अब अलोकतांत्रिक और बर्बर तरीका अपना रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 10:47 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 07:11 AM (IST)
विपक्षी दलों ने एक सुर से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोल दिया है।

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जान जाने की घटना से उद्वेलित विपक्षी दलों ने एक सुर से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोल दिया है। विपक्षी पार्टियों ने घटना को जघन्य अपराध बताते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए भाजपा अब अलोकतांत्रिक और बर्बर तरीका अपना रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा और अखिलेश यादव जैसे नेताओं को हिरासत में लिए जाने के कदमों ने भी विपक्षी दलों को गोलबंद होने का मौका दे दिया है। कांग्रेस ने केंद्र और योगी सरकार के खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल दिया तो तमाम क्षेत्रीय दलों ने भी भाजपा की घेरेबंदी में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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प्रियंका और अखिलेश समेत तमाम विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेने को बताया गैरकानूनी

कांग्रेस ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों के समर्थन में अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी जाने से रोके गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को योगी सरकार पर हमला के लिए उतार दिया। वहीं कांग्रेस के असंतुष्ट जी-23 के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर पीडि़तों से मिलने जा रहीं प्रियंका की हिरासत को गैरकानूनी बताते हुए पूरी तरह पार्टी के साथ खड़े दिखाई दिए। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लखीमपुर में हुई घिनौनी घटना के बाद कांग्रेस महासचिव के साथ दु‌र्व्यवहार गैरकानूनी ही नहीं है, बल्कि इससे साफ है कि भाजपा हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करने के लिए क्रूरता का प्रयोग कर रही है।

जी-23 के नेताओं ने भी पार्टी के रुख का किया समर्थन

जी-23 के वरिष्ठ नेताओं आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल ने भी प्रदर्शनकारियों को रौंदे जाने को जघन्य बताते हुए कहा कि पीड़ितों का दर्द बांटने गईं प्रियंका गांधी को हिरासत में रखना अवैध है। सिब्बल ने कहा कि सरकार हत्यारों को गिरफ्तार करने के बजाय उन लोगों को हिरासत में ले रही है जो पीड़ितों के लिए न्याय मांग रहे हैं।लखीमपुर कांड को प्रदर्शनकारियों के साथ सत्ता की बर्बरता का उदाहरण बताते हुए तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी ने रविवार देर रात को ही इस मामले में विपक्षी दलों के कड़े तेवरों का संदेश दे दिया था। साथ ही तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी घटनास्थल पर भेजने का एलान किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आक्रामक तेवरों के बाद उनकी नजरबंदी के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं के तेवर भी बेहद तीखे हो गए हैं।

शरद पवार ने की घटना की निंदा

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी घटना की कठोर निंदा करते हुए कहा कि यह हमारे किसानों की आवाज दबाने का बर्बर तरीका है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और पीड़ित प्रदर्शनकारियों से मिलने जा रहे विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिए जाने को गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक ठहराया। बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी आक्रामक विरोध में शामिल होते हुए कहा कि लखीमपुर में हुई हैवानियत को माफ नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के दिग्गज नेता जहां लखीमपुर कांड के खिलाफ सियासी मोर्चा संभालने उतरे, वहीं सड़क पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन कर प्रियंका की गिरफ्तारी का विरोध किया।

लखीमपुर जाने से रोके गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से कहा कि प्रदर्शनकारी तीनों काले कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। मगर सत्ताधारी दल की हठधर्मिता इस हद तक बढ़ गई है कि लखीमपुर कांड को अंजाम दिया जा रहा तो दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदर्शनकारियों को लाठी मारने के लिए लोगों को उकसाते हैं।

उनके मुताबिक लखीमपुर घटना से साफ है कि भाजपा को किसान बिल्कुल पसंद नहीं हैं। बघेल ने कहा कि प्रियंका समेत सारे विपक्षी नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या घर में नजरबंद कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश में आम नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए हैं। इस घटना को लेकर सवालों में घिरे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा को तत्काल बर्खास्त कर प्रदर्शनकारियों को गाड़ी से रौंदने वाले सभी लोगों की हत्या के मुकदमे में गिरफ्तारी की मांग करते हुए बघेल ने पीड़ित प्रदर्शनकारियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने के लिए भी कहा।


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