पीएम मोदी ने कहा- 'एक देश एक चुनाव' भारत की जरूरत, इलेक्शन में होते हैं काफी पैसे खर्च
प्रधानमंत्री ने कानून को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कानूनों की भाषा इतनी सरल और आसान होनी चाहिए कि आम से आम इंसान भी उसे समझ सके। वहीं उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन को देश की जरूरत बताया।
नई दिल्ली, एएनआइ। संविधान दिवस (Constitution Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को देशवासियों को संबोधित किया और कानून एवं संविधान को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने 'एक देश एक चुनाव' को भारत की जरूरत बताया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है बल्कि देश की आवश्यकता भी है। बता दें कि केवड़िया में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सत्र समापन समारोह पर प्रधानमंत्री मंत्री ने यह संबोधन दिया।
पीएम मोदी ने कहा, 'वन नेशन, वन इलेक्शन सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश की जरूरत भी है। यह विकास कार्यों में भी बाधा ड़ालता है और आप सभी लोग यह बात जानते हैं। हमें गंभीरता से इस पर सोचने की आवश्यकता है और कार्यालय-धारक इस पर विचार विमर्श कर सकते हैं।'
'One Nation, One Election' isn't just an issue of deliberation, but also need of the country.
It hampers the developmental work and all of you know about it.
We must think about it seriously and office-holders can lead deliberations on this.
- PM @narendramodi— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों में सिर्फ एक वोटर लिस्ट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आखिर इन सूचियों पर क्यों पैसा और समय बर्बाद किया जा रहा है।
Only one voter list should be used for Lok Sabha, Vidhan Sabha and other elections. Why're we wasting time and money on these lists?
- PM @narendramodi— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कानून को लेकर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कानूनों की भाषा इतनी सरल और आसान होनी चाहिए कि आम से आम इंसान भी उसे आसानी से समझ सके। उन्होंने कहा, यह संविधान हम भारतवासियों ने खुद को दिया है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से एक आम आदमी सीधा संबंध महसूस करे। इसके अलावा समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं उनको हटाने की भी प्रक्रिया आसान होनी चाहिए। पिछले सालों में कई कानूनों को हटाया गया है।