किसान के मुद्दे पर सदन में अलग-थलग पड़ी तृणमूल कांग्रेस
भाजपा ने कांग्रेस पर भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को राज्यसभा में बोलने से रोकने में तृणमूल कांग्रेस की साजिश में साथ देने का आरोप लगाया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे अमित शाह के भाषण के दौरान हंगामा करने वाली तृणमूल कांग्रेस राज्यसभा में अकेली पड़ गई। तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी विपक्षी दल किसानों के मुद्दे पर चर्चा के पक्ष में थे। जबकि तृणमूल कांग्रेस एनआरसी के मुद्दे को पहले उठाना चाहती थी। भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। भाजपा ने कांग्रेस पर भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को राज्यसभा में बोलने से रोकने में तृणमूल कांग्रेस की साजिश में साथ देने का आरोप लगाया है।
मंगलवार को राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर लेकर चर्चा हो रही थी। चर्चा में भाग लेते हुए अमित शाह ने किसानों के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की प्रशंसा शुरू की। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में मोदी सरकार अहम कदम उठा रही है। लेकिन कुछ देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद हंगामा करते हुए सदन पटल के बीचोबीच आ गए। तृणमूल सांसद किसानों के बजाय एनआरसी के मुद्दे पर चर्चा कराना चाहते थे। इस पर सभापति वेंकैया नायडू ने सभी दलों की राय जाननी चाही। सभी विपक्षी दलों ने किसान के मुद्दे पर चर्चा के पक्ष में थे। बीच का रास्ता अपनाते हुए कांग्रेस ने एनआरसी और किसान के मुद्दे को बराबर महत्व का करार दिया। लेकिन तृणमूल कांग्रेस के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ गई।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सदन में बोलने से रोकने का आरोप लगाया और इसे अलोकतांत्रिक बताया। प्रसाद ने कहा कि सदन में एससी-एसटी उत्पीड़न संशोधन विधेयक पेश होना था। कांग्रेस का सदन नहीं चलने देने का रवैया उसके दलित विरोधी होने का सबूत है। लोकसभा से यह विधेयक सोमवार को पास हुआ था। प्रसाद के अनुसार संप्रग सरकार के 10 सालों में किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया। इसी कारण कांग्रेस सदन में बहस का सामना करने से भाग रही है। हरित क्रांति के प्रणेता स्वामीनाथन के हाल में प्रकाशित लेख का हवाला देते हुए प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान किसानों की भलाई के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं।
साथ ही रविशंकर प्रसाद ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला किया। प्रसाद ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कि लोकतांत्रिक मूल्यों में तृणमूल कांग्रेस के भरोसे को दुनिया पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में देख चुकी है, जिसमें विपक्षियों पर हिंसा की सारी हदें पार कर दी गईं। गौरतलब है कि इसके पहले राज्यसभा में एनआरसी पर बहस के दौरान भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर अमित शाह को बोलने नहीं दिया था।