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16वीं लोकसभा के अंतिम दिन और धुंधली हुई राजनीतिक मर्यादाओं की लकीरें

16वी लोकसभा का पहला ऐसा मौका था जब भाजपा की बेंच से कांग्रेस के लिए तालियां बजी। सदन के भीतर मर्यादाओं को ताख पर रखने में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद सबसे आगे रहे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 09:52 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 09:52 PM (IST)
16वीं लोकसभा के अंतिम दिन और धुंधली हुई राजनीतिक मर्यादाओं की लकीरें
16वीं लोकसभा के अंतिम दिन और धुंधली हुई राजनीतिक मर्यादाओं की लकीरें

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। 16वीं लोकसभा का अंतिम दिन संसद में भावनाओं का उफान जोरों पर था। बैठक के दौरान कई बार ऐसा हुआ जब राजनीतिक मर्यादाएं भी तार-तार हुई और सदन की गरिमा को भी चोट पहुंचाया गया। कायदे कानून को ताक पर रख कर बड़े-बड़े पोस्टर लहराये गये, एक दूसरे के सामने जा कर फब्तियां कसी गई।

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राजनीतिक लाभ का आखिरी दांव मारने की रही जंग

माननीयों ने एक दूसरे को घोटालेबाज और माफिया डॉन तक कह डाले जबकि पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक नारेबाजी सदन के भीतर की गई। इस बेहद गरमा गरम माहौल में भी सरकार चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित करवाने में सफल रही।

आपसी शुभकामनाओं के साथ-साथ तकरार भी रही तेज

बहरहाल, किसी तरह से लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए समाप्त करने से पहले विवेक से काम लिया गया और महत्वपूर्ण नेताओं ने एक दूसरे को बधाई दी।

अंतिम दिन की शुरुआत अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से सदन परिसर के भीतर राष्ट्रपति महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे विपक्षी दलों के नेताओं को एकत्रित करने और राफेल के मुद्दे पर सीधे पीएम मोदी पर हमला करने के साथ हुआ, लेकिन इस सदन में अंतिम भाषण में पीएम मोदी ने राहुल पर करारा तंज कस कर यह साफ कर दिया कि राजनीतिक शह व मात में अभी वह बीस हैं।

सदन के भीतर मर्यादाओं को ताख पर रखने में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद सबसे आगे रहे। मोदी सरकार के खिलाफ बड़े-बड़े पोस्टर लेकर इनके सांसद ना सिर्फ लोकसभा अध्यक्ष के आस पास घंटों रहे बल्कि भाजपा सांसदों के सामने जा कर नारेबाजी भी की।

पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो को निशाने पर लिया गया और सुप्रियो ने भी खड़े हो कर जवाब देने में कोई कंजूसी नहीं दिखाई। जब टीएमसी के सांसद ये हरकत कर रहे थे तभी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने देश में जमा स्कीमों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक पेश किया। कहा गया कि टीएमसी सांसदों को इस विधेयक से परेशानी है और उनके गुस्से के पीछे असली वजह यह विधेयक ही है।

भारी शोर शराबे में इस विधेयक पर परिचर्चा भी हुई और पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन ने जब टीएमसी पर चिटफंड की लूट से सरकार बनाने का आरोप लगाया तो सबसे ज्यादा तालियां भाजपा सांसदों ने बजाई।

संभवत: यह 16वी लोकसभा का पहला ऐसा मौका था जब भाजपा की बेंच से कांग्रेस के लिए तालियां बजी। टीएमसी के सौगत राय ने रंजन को माफिया डॉन तक कहा जिस पर गोयल ने भी आपत्ति जताई। सीपीएम के मोहम्मद सलीम और टीएमसी सांसदों के बीच तो हाथापाई तक की नौबत आ गई। कांग्रेस के कुछ सांसदों ने बीच बचाव किया।


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