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सीबीआइ विवाद पर बोले जेटलीः किसी भी संस्था या सरकार से बड़ा है राष्ट्र

संघवाद का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि यह महत्वपूर्ण चुनौती है लेकिन भारत को सदैव राज्यों का संघ रहना चाहिए। भारत में मजबूत राज्य तथा मजबूत केंद्र होना चाहिए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 08:36 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 12:34 AM (IST)
सीबीआइ विवाद पर बोले जेटलीः किसी भी संस्था या सरकार से बड़ा है राष्ट्र
सीबीआइ विवाद पर बोले जेटलीः किसी भी संस्था या सरकार से बड़ा है राष्ट्र

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीबीआइ में जारी घमासान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि किसी भी संस्थान या सरकार से देश बड़ा होता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी संस्थान की गैर-जवाबदेही भ्रष्टाचार को छुपाने और कोई कार्रवाई न करने का आधार हो सकती है।

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जेटली ने यह बात प्रथम अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान में कही। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब सीबीआइ के दो आला अधिकारियों के बीच चल रहा झगड़ा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है और सर्वोच्च अदालत को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है।

वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने संबंधी सरकार के फैसले को राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र ने यह कदम उन्हें राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे की जांच से रोकने के लिए उठाया है।

जेटली ने कहा, ''भारत देश किसी भी संस्थान और सरकार से बड़ा है। क्या गैर-जवाबदेही भ्रष्टाचार पर परदा डाल सकती है? क्या यह खोजी साहस का आधार बन सकती है? क्या यह कुछ भी कार्रवाई न करने का आधार बन सकती है? राष्ट्र क्या करता है? यह बड़ी चुनौती है।'' उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि लोग निर्वाचित संस्था की शक्ति को कमजोर करने तथा उन संस्थानों को ताकतवर बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिन पर जवाबदेही नहीं है। जेटली ने जोर देकर कहा कि केंद्र हो या राज्य अंतत: निर्वाचित ही जवाबदेह हैं।

शक्ति के विभाजन के मुद्दे का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि यह संकल्पना संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है इसलिए किसी भी सरकार या पार्टी द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। जेटली ने कहा कि इस प्रवृत्ति से बचना चाहिए और इसके लिए सभी संस्थाओं को ऐसा करने के लिए उच्च कोटि की शासकीय दक्षता चाहिए।

संघवाद का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि यह महत्वपूर्ण चुनौती है लेकिन भारत को सदैव राज्यों का संघ रहना चाहिए। भारत में मजबूत राज्य तथा मजबूत केंद्र होना चाहिए। जेटली ने कहा कि भारत अगर राज्यों का महासंघ बनता है तो बड़ी चुनौतियां पैदा हो जाएंगी।

केंद्र की जिम्मेदारी देश को साथ रखने तथा राज्यों की देखभाल करने की है। उन्होंने कहा कि भारत में संघवाद आवश्यक है। भारत राज्यों का संघ है और सदैव यह ऐसे ही बने रहना चाहिए।

राजनीति और जन विमर्श की गुणवत्ता के बारे में जेटली ने कहा कि वंशवाद के लिए समर्पित और वामपंथी दर्शन से प्रभावित तथा सरकार को उखाड़ फेंकने और भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की सोच में विश्वास रखने वाले लोग लोकतंत्र को नहीं बचा सकते।

जो राजनीतिक दल जाति आधारित हैं और और जहां उत्तराधिकार सिर्फ परिवार के सिद्धांत के आधार पर प्राप्त होता है। भारतीय लोकतंत्र इसे कब तक बर्दाश्त कर सकता है? इसका राजनीति की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ता है।

जेटली ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कश्मीरी जनता को अलगाववादियों के साथ नहीं बल्कि सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। जेटली ने कहा कि यह हम सभी के लिए आवश्यक है कि इस लड़ाई में कश्मीरी जनता हमारी तरफ रहे। यह संप्रभुता की लड़ाई है। यह अलगाववाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई है।


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