राफेल पर राजनाथ का पलटवार, राहुल गांधी रा-फेल बनकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं
केंद्रीय गृह मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं और ।
कोच्चि, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल के मुद्दे पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रा-फेल बनकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करना बंद करना चाहिए। राजनाथ ने कांग्रेस के नेताओं से राहुल गांधी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के खिलाफ उचित सलाह देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों की खरीद मामले पर उग्र राजनीतिक तूफान के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने कड़ी चोट पहुंचाई है। यह राफेल नहीं है, बल्कि यह रा-फेल (राहुल-फेल) है। वह विफल राजनेता हैं। राहुल गांधी राफले सौदे के बारे में सच्चाई जानते हैं लेकिन वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। राजनाथ सिंह केरल राज्य काउंसिल की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यह बैठक नए प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई की नियुक्ति को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई थी।
वापस भेजने के लिए रोहिंग्याओं की जानकारी जुटाएं राज्य
बीजेपी की केरल राज्य परिषद की एक बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को भारत में रोहिंग्याओं को अवैध प्रवासी बताते हुए कहा कि सभी राज्य सरकारों से उनकी गतिविधियों पर नजर रखने और उनकी निजी जानकारियां जुटाने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें वापस म्यांमार भेजा जा सके। गृह मंत्री ने कहा कि शरणार्थी का दर्जा पाने की एक प्रक्रिया है और किसी भी रोहिंग्या ने उस प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। किसी भी रोहिंग्या ने शरणार्थी के तौर पर शरण के लिए आवेदन नहीं किया है।
राज्य देखें कि रोहिंग्या भारतीय नागरिकता साबित करने वाला कोई दस्तावेज न जुटा सकें
उन्होंने कहा, 'मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। रोहिंग्याओं की उपस्थिति सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे केरल समेत दक्षिण भारतीय राज्यों तक भी पहुंच गए हैं। केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे सतर्क रहें। वे (रोहिंग्या) ऐसा कोई दस्तावेज हासिल न कर पाएं जो उन्हें भारतीय नागरिकता हासिल करने में मददगार साबित हों।'
राजनाथ ने कहा कि राज्यों से पूरी जानकारी हासिल करने के बाद इस मुद्दे को राजनयिक माध्यमों के जरिये म्यांमार सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
पिछले दिनों राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गृह मंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा था, पता नहीं क्यों कुछ राज्य रोहिंग्याओं को वापस भेजने पर आपत्ति जता रहे हैं जबकि म्यांमार उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है।
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय एक हलफनामे के जरिये सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है कि ये सभी (रोहिंग्या) अवैध प्रवासी हैं और उन्हें वापस भेजा जाएगा।