गैर भाजपा शासित राज्यों को किसानों की नाराजगी पड़ेगी भारी, पीएम किसान का नहीं दिया लाभ
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ गैर भाजपा शासित राज्यों के किसानों को नहीं मिल पाया है। योजना के प्रति यहां की राज्य सरकारों की उदासीनता चुनाव में भारी पड़ सकती है ।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ गैर भाजपा शासित राज्यों के किसानों को अभी तक नहीं मिल पाया है। योजना के प्रति यहां की राज्य सरकारों की उदासीनता लोकसभा चुनाव में उन्हें मुश्किलों में डाल सकती है। नाराज किसानों का नजला उन पर गिर सकता है।
देश के 10 राज्य सरकारों की ओर से पीएम-किसान योजना के लिए किसानों की सूची नहीं भेजी गई है। यहां के योग्य किसानों की कुल संख्या 2.72 करोड़ है, जिन्हें केंद्र सरकार चाहकर भी उनके बैंक खाते में दो हजार रुपये की पहली किस्त नहीं भेज पा रही है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चालू हुई पीएम-किसान निधि योजना में अब तक पौने तीन करोड़ लघु व सीमांत किसानों को शामिल किया जा चुका है। इन किसानों के बैंक खाते में दो हजार रुपये की पहली किस्त भेज दी गई है। लेकिन हैरानी उन राज्यों को लेकर है, जहां गैर भाजपा सरकारें हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक व पश्चिम बंगाल प्रमुख बडे़ राज्य हैं। राजनीतिक कारणों से इन राज्यों के किसान इस लाभ से वंचित हैं। लेकिन दूसरे राज्यों में मिल रहे दो हजार रुपये की नगदी से यहां के किसानों की नाराजगी बढ़ सकती है।
जिन राज्यों ने पहली किस्त के लिए किसानों की सूची भेजी भी है, वहां लाभ के काबिल किसानों की पूरी सूची अभी तक नहीं आ सकी है। यही वजह है कि कुल साढ़े बारह करोड़ लाभ पाने के योग्य किसानों में से अब तक केवल पौने तीन करोड़ किसानों के नाम शामिल किये जा सके हैं। सबसे ज्यादा एक करोड़ से अधिक किसानों के नाम उत्तर प्रदेश से आये हैं, जबकि वहां किसानों की संख्या 2.15 करोड़ है।
उल्लेखनीय है कि दो राज्य ऐसे भी हैं, जहां लघु व सीमांत किसानों की केंद्र की अनुमानित संख्या से अधिक है। केंद्र सरकार के आंकड़े के मुताबिक पंजाब में योग्य लाभार्थी किसानों की संख्या जहां 3.59 लाख है। पंजाब सरकार ने केंद्र को 9.56 लाख किसानों की सूची भेज रखी है।
केंद्र से इन सभी किसानों की पहली किस्त भेज भी दी गई है। लेकिन अभी उन राज्यों को लगातार नोटिस भेजकर किसानों की सूची भेजने को कहा जा रहा है, जहां से एक भी किसान का नाम नहीं भेजा गया है। लोकसभा चुनाव में पीएम किसान नया गुल खिला सकता है।