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पीएम नरेंद्र मोदी को भी नहीं मिला होटल में कमरा, करना पड़ा वैकल्पिक इंतजाम

होटल के महाप्रबंधक जोसेफ मैथियास ने सोमवार को बताया कि उपायुक्त के कार्यालय से एक अधिकारी प्रधानमंत्री, उनके कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों के लिए कमरों का इंतजाम करने आया था।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 06:50 AM (IST)
पीएम नरेंद्र मोदी को भी नहीं मिला होटल में कमरा, करना पड़ा वैकल्पिक इंतजाम
पीएम नरेंद्र मोदी को भी नहीं मिला होटल में कमरा, करना पड़ा वैकल्पिक इंतजाम

मैसूर, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कर्मचारियों को मैसूर यात्रा के दौरान होटल ललिता महल पैलेस में कमरा नहीं मिल सका। एक वैवाहिक कार्यक्रम के लिए सारे कमरे बुक हो चुके थे। इसके चलते जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री के लिए एक दूसरे होटल में ठहरने का इंतजाम करना पड़ा।

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होटल के महाप्रबंधक जोसेफ मैथियास ने सोमवार को बताया कि उपायुक्त के कार्यालय से एक अधिकारी प्रधानमंत्री, उनके कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों के लिए कमरों का इंतजाम करने आया था। लेकिन, रविवार को एक वैवाहिक रिसेप्शन के लिए होटल के ज्यादातर कमरे बुक हो चुके थे। सिर्फ तीन कमरे खाली थे। प्रधानमंत्री के कर्मचारियों और सुरक्षा बलों की संख्या को देखते हुए इतने कमरों को पर्याप्त नहीं समझा गया।

इसके बाद जिला प्रशासन ने वैकल्पिक इंतजाम करते हुए प्रधानमंत्री को होटल रैडिसन ब्लू में ठहराया। मोदी रविवार रात को मैसूर आए थे। वे सोमवार तक इस होटल में ठहरे। उनको श्रवणबेलगोला में जैन धर्मावलंबियों के एक कार्यक्रम समेत और कई आयोजनों में शामिल होना था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक पहुंच गए। इस दौरान वह विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। सबसे पहले वे बाहुबली महामस्थकाभिषेक महोत्सव के लिए श्रावणबेलागोला पहुंचे। पीएम यहां मोदी ने श्रावणबेलागोला में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संन्यासी और संतों ने हमेशा समाज की सेवा की है और सकारात्मक बदलाव किए हैं। हमारे समाज की ताकत यह है कि हम समय के साथ बदले और नई स्थितियों को अपनाया।

बता दें कि 'महामस्तकाभिषेक' जैन धर्म का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा महोत्सव है। हर 12 साल पर मनाया जाने वाला ये महोत्सव हर जैन के लिए काफी अहम रखता है और देश-दुनिया से जैन समुदाय के लोग इस महोत्सव के लिए श्रवणबेलगोला पहुंचते हैं। 'महामस्तकाभिषेक' भगवान बाहुबली के अभिषेक का महोत्सव है। बेंगलुरू से तकरीबन 150 किलोमीटर दूर श्रवणबेलगोला में भगवान बाहुबली की 57 फीट ऊंची प्रतिमा है। जैन समुदाय हर 12 साल पर इसी प्रतिमा का 'महामस्तकाभिषेक' करते हैं। 


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