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नीतीश ने 'सात निश्चय' कार्यक्रम के लिए केंद्र से मांगे एक लाख करोड़ रुपये

वित्त आयोग ही केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण करता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 08:00 PM (IST)
नीतीश ने 'सात निश्चय' कार्यक्रम के लिए केंद्र से मांगे एक लाख करोड़ रुपये
नीतीश ने 'सात निश्चय' कार्यक्रम के लिए केंद्र से मांगे एक लाख करोड़ रुपये

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। बिहार में तेज राजनीतिक गतिविधियों और जोड़तोड़ की नई अटकलों के बीच प्रदेश सरकार ने अपनी विशेष जरूरत के कार्यक्रम चलाने के लिए अतिरिक्त एक लाख करोड़ रुपये की मांग की है। प्रदेश सरकार ने यह इच्छा 15वें वित्त आयोग के समक्ष जाहिर की है। खास बात यह है कि इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पसंदीदा कार्यक्रम 'सात निश्चय' के लिए सर्वाधिक 38,460 करोड़ रुपये और सड़कों की मरम्मत के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की मांग की गई है। साथ ही राज्य के शेल्टर होम्स के लिए भी भारी भरकम 871 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

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बिहार सरकार ने वित्त आयोग के समक्ष रखी मांग

पूर्व राज्यसभा सदस्य और नौकरशाह एनके सिंह की अध्यक्षता में 15वां वित्त आयोग रविवार से बिहार का पांच दिवसीय दौरा कर रहा है। इस दौरान भी राज्य सरकार की ओर से यह मांग पुरजोर तरीके से रखी जानी तय है। सूत्रों ने कहा कि बिहार ने सर्वाधिक राशि 'सात निश्चय' कार्यक्रम, सड़कों की मरम्मत और कृषि रोडमैप-3 के लिए मांगी है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के उपाय करने, पंचायत सरकार भवनों के निर्माण, कौशल विकास कार्यक्रम, शेल्टर होम्स की स्थिति सुधारने के लिए भी रुपये की जरूरत बताई है।

हाल के दिनों में राज्य में शेल्टर होम्स का मुद्दा काफी चर्चित रहा है। सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों के लिए आवास योजना, राज्य में न्यायिक प्रशासन में सुधार, माध्यमिक स्कूलों की स्थापना और पिछड़े जिलों के विकास के लिए भी धनराशि की जरूरत बताई है।

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह व अन्य सदस्य रविवार से शुरू हो रहे राज्य के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा आयोग बिहार के राजनीतिक दलों और व्यापार व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगा।

मालूम हो कि संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत राष्ट्रपति वित्त आयोग का गठन करते हैं। यह आयोग ही केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण करता है। 15वां वित्त आयोग अगले साल अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देगा। इसकी सिफारिशें एक अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2025 की अवधि के लिए होंगी।

किस मद में चाहिए कितनी राशि (करोड़ रुपये में)

कृषि रोड मैप-3 14,121

सात निश्चय 38,460

सड़क मरम्मत नीति 15,000

जलवायु परिवर्तन 7,000

पंचायत सरकार भवन 5,600

कौशल विकास 4,515

शेल्टर होम 871 


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