Move to Jagran APP

लोकसभा में नितिन गडकरी बोले, अच्छी सड़कें चाहिए तो देना होगा टोल

लोकसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर लोगों को अच्छी रोड चाहिए तो टोल टेक्स देना ही होगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 02:10 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:14 PM (IST)
लोकसभा में नितिन गडकरी बोले, अच्छी सड़कें चाहिए तो देना होगा टोल
लोकसभा में नितिन गडकरी बोले, अच्छी सड़कें चाहिए तो देना होगा टोल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टोल खत्म होने की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि लोगों को अच्छी सड़कें चाहिए तो उन्हें टोल अदा करना होगा। क्योंकि टोल से ही सड़क निर्माण के लिए पैसा आता है। हालांकि उन्होंने स्कूली व राज्य परिवहन निगमों की बसों पर टोल खत्म करने की कई सांसदों की मांग पर विचार का आश्वासन दिया है।

loksabha election banner

लोकसभा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में सरकार ने 40 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है। कुछ सदस्यों द्वारा देश के विभिन्न भागों में टोल संग्रह को लेकर प्रकट की गई चिंताओं के बीच गडकरी ने कहा कि जो इलाके टोल अदा करने में सक्षम हैं वहां से संग्रहीत टोल का उपयोग ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण में किया जाता है। इसलिए 'टोल जिंदगी भर बंद नहीं हो सकता। कम ज्यादा हो सकता है। टोल का जन्मदाता मैं हूं..। अगर आपको बढि़या सड़कें चाहिए तो आपको भुगतान करना होगा। सरकार के पास पैसा नहीं है..।'

भूमि अधिग्रहण को सड़क परियोजनाओं की सबसे बड़ी अड़चन बताते हुए गडकरी ने राज्य सरकारों से इस समस्या का समाधान तलाशने और तरीका बताने का अनुरोध किया। मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण की रफ्तार बेहद सुस्त है। इसीलिए उनका मंत्रालय अब बिना 80 फीसद जमीन अधिग्रहीत किए कोई परियोजना मंजूर नहीं करता और इस सिद्धांत का बड़ी कड़ाई से पालन किया जा रहा है।

गडकरी ने कहा कि जब 2014 में उन्होंने सड़क मंत्रालय का कार्यभार संभाला था तो 3.85 लाख करोड़ रुपये की 403 सड़क परियोजनाएं बंद पड़ी थीं। इन परियोजनाओं को चालू करा के पांच वर्षो में मोदी सरकार ने बैंकों को 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज डूबने से बचाया है। अब 90 फीसद परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

गडकरी ने सदन को सूचित किया कि उनका मंत्रालय दिल्ली और मुंबई के बीच हरित हाईवे का निर्माण कराने जा रहा है। इससे दोनो महानगरों के बीच का सफर 12 घंटे में तय होने लगेगा। ये हाईवे राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के सर्वाधिक पिछड़े और आदिवासी इलाकों से होकर गुजरेगा जिससे उनके विकास के साथ भूमि अधिग्रहण के खर्च में 16 हजार करोड़ रुपये की बचत भी होगी।

देश की समृद्धि के लिए अच्छी सड़कों को आवश्यक बताते हुए उन्होंने अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी के उस वक्तव्य को उद्धृत किया जिसमें उन्होंने कहा था, 'अमेरिका की सड़कें इसलिए अच्छी नहीं है कि अमीर है, बल्कि अमेरिका इसलिए अमीर है क्योंकि यहां की सड़कें अच्छी हैं।'

सड़क दुर्घटनाओं में मौतों पर दुख प्रकट करते हुए गडकरी ने कहा कि अनेक दुर्घटनाएं सड़कों के दोषपूर्ण डिजाइन के कारण होती हैं। इसीलिए उनके मंत्रालय ने देश भर में 786 दुर्घटना संवेदी क्षेत्रों अर्थात ब्लैक स्पॉट की पहचान करा उन्हें दुरुस्त करने का अभियान चलाया है। देश में 25 लाख ड्राइवरों की कमी है। इसलिए सरकार ने हर राज्य में एक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय के प्रयासों के परिणामस्वरूप, जिसके तहत अन्य कदमों के अलावा बाहरी ट्रकों का राजधानी में प्रवेश रोकने के लिए पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं, दिल्ली के वायु प्रदूषण स्तर 32 फीसद की कमी आई है।

पहली अप्रैल 2020 से केवल यूरो-6 वाहनो का निर्माण होगा। पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु की उपेक्षा के कुछ सदस्यों के आरोपों पर गडकरी ने कहा कि वे राज्यों के बीच फर्क नहीं करते। केंद्रीय सड़क निधि के उपयोग में सांसदों की भूमिका की कुछ सदस्यों की मांग पर उन्होंने कहा कि इस पर वे वित्तमंत्री से बात करेंगे।

नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला के सवाल पर उनका कहना था कि उनके मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में 7000 करोड़ रुपये के कार्य कराये हैं। लिथियम बैट्रियों पर उन्होंने कहा कि मारुति और टोयोटा ने इन बैट्रियों के उत्पादन के लिए इसरो के साथ समझौता किया है। लेकिन आने वाले समय में इन बैट्रियों का विकल्प आएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.