गडकरी बोले- गरीबों की मदद के लिए अलग नीति की जरूरत, मजबूरी में करते है गांवों से पलायन
गडकरी के मुताबिक लोग ग्रामीण भारत से शहरी भारत की ओर चाहकर नहीं बल्कि मजबूरी में पलायन करते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना संकट के मौजूदा दौर में गरीबों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनके लिए अलग नीति की जरूरत पर बल दिया है। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि सामाजिक, आíथक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को आíथक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु पूंजी समर्थन मुहैया कराने के लिए एक अलग नीति की जरूरत पर जोर दिया। गडकरी ने एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े जिन लोगों लोगों के पास कौशल है मगर पूंजी नहीं, उनके लिए अलग नीति की जरूरत है।
सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय की भी कमान संभालने वाले गडकरी के मुताबिक लोग ग्रामीण भारत से शहरी भारत की ओर चाहकर नहीं, बल्कि मजबूरी में पलायन करते हैं। इसकी वजह यह है कि क्योंकि उनके पास रोजगार नहीं है, पूंजी नहीं है और गरीबी एक बड़ी समस्या है। गरीबी उन्मूलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से जिन लोगों के पास प्रतिभा, साहस और उद्यमशीलता है, हमें उन्हें वित्तीय मदद देनी चाहिए।
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के समक्ष जब भी कठिन चुनौतियां आई हैं, तो देशवासियों ने उनका सामना सकारात्मक ऊर्जा के साथ किया है। वर्तमान में भी ऐसी ही चुनौतियां हैं। कोरोना संक्रमण काल के चलते पैदा हुई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार ने जो बीस लाख करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया है, उससे अर्थव्यवस्था सुधरने में भी काफी मदद मिल रही है।
गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि इस समय पांच मुख्य बिदुओं पर काम करने की जरूरत है, जिनमें लेबर, लैंड, लॉ, लॉजिस्टिक और लिक्विडिटी शामिल हैं। इस समय चीन की लॉजिस्टिक्स लागत आठ प्रतिशत है, भारत की 13 प्रतिशत और अमेरिका की 12 प्रतिशत है, इसे कैसे कम किया जाए इस पर विचार करना है।