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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एमएसएमई के लिए लांच की 20,000 करोड़ रुपये की योजना

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एमएसएमई सेक्टर की कंपनियों को 20000 करोड़ रुपये के सहायक कर्ज की योजना लांच की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 04:08 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एमएसएमई के लिए लांच की 20,000 करोड़ रुपये की योजना
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एमएसएमई के लिए लांच की 20,000 करोड़ रुपये की योजना

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को एमएसएमई सेक्टर की कंपनियों को 20,000 करोड़ रुपये के सहायक कर्ज की योजना लांच की। इससे दो लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत उन कंपनियों के प्रमोटर्स को सहायक कर्ज मुहैया कराया जाएगा, जिनका परिचालन तो हो रहा है लेकिन जो फंसे कर्ज यानी एनपीए में तब्दील हो चुकी हैं।

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इस योजना का नाम 'डिस्ट्रेस्ड असेट्स फंड - सब-ऑर्डिनेट डेट फॉर एमएसएमईज' रखा गया है। योजना के मुताबिक इन इकाइयों के प्रमोटर्स को बैंकों के माध्यम से इस शर्त पर यह कर्ज बांटा जाएगा कि वे अपनी कंपनियों में इक्विटी हिस्सेदारी के तौर पर इसका निवेश करेंगे। इसकी कुल रकम 20,000 करोड़ रुपये होगी और इसकी गारंटी सरकार देगी।

एमएसएमई मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक इस सेक्टर की कर्ज के बोझ तले दबी कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही दिख रही थी कि उन्हें डेट या इक्विटी, किसी भी माध्यम से वित्तीय मदद नहीं मिल पा रही थी। इसलिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस वर्ष 13 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष रूप से उन एमएसएमई कंपनियों के लिए वित्तीय मदद की घोषणा की थी, जो गंभीर वित्तीय संकट का सामना करते हुए भी परिचालन में थीं। मंत्रालय ने कहा है कि पात्र कंपनियां किसी भी वाणिज्यिक बैंक से यह सुविधा हासिल कर सकती हैं।

इस योजना के तहत उन छोटी व मझोली कंपनियों को वित्तीय मदद मिलेगी, जो इस वर्ष 30 अप्रैल तक एनपीए में तब्दील हो चुकी हैं। इनके प्रमोटर्स को उनकी कुल हिस्सेदारी का 15 प्रतिशत या अधिकतम 75 लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा। प्रमोटर्स यह रकम अपनी कंपनियों में लगाएंगे, जिससे तरलता भी बढ़ेगी तथा कंपनी में डेट व इक्विटी का अनुपात भी बेहतर होगा। इस योजना के तहत 90 प्रतिशत कर्ज की गारंटी सरकार लेगी और शेष रकम प्रमोटर्स को चुकानी होगी। इसके लिए भी उन्हें अधिकतम 10 वर्षो की मोहलत दी जाएगी। 


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