Budget session: सरकार ने नोटबंदी के प्रभाव पर नहीं किया कोई अध्ययन
राज्यसभा में एक अन्य जवाब में सीतारमण ने कहा कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और नोटबंदी का भारत पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। नोटबंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था और खासकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) तथा रोजगार पर क्या असर पड़ा यह जानने के लिए सरकार ने कोई अध्ययन नहीं किया। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में की गई नोटबंदी को लेकर काफी विवाद हुआ है।
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि नोटबंदी के कारण देशी की विकास दर को दो फीसद का नुकसान पहुंचा है और लघु उद्योगों तथा अनौपचारिक क्षेत्र पर इसने अत्यधिक बुरा असर डाला है। सरकार हालांकि इन आरोपों को खारिज करती रही है। सरकार का कहना है कि इसका अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ा है।
राज्यसभा में एक अन्य जवाब में सीतारमण ने कहा कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और नोटबंदी का भारत पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है। 2018-19 में विकास दर में जो गिरावट आई, उसका कारण यह है कि उस दौरान कृषि और सहायक क्षेत्र, व्यापार, होटल, परिवहन, भंडारण, संचार, प्रसारण संबंधी सेवा क्षेत्र और लोक प्रशासन व रक्षा क्षेत्रों में सुस्त विकास हुआ।
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास सरकार की कार्यसूची में काफी ऊपर है। जीडीपी के विकास के लिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कई कदम उठा रही है।
बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में गिरावट
निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक बैंक घोटाले में कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष में ऐसे घोटालों की संख्या 6,735 रही। इन मामलों में 2,836 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इससे एक साल पहले ऐसे 9,866 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें 4,228 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था।
1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के हुए विलफुल डिफॉल्ट्स
निर्मला सीतारमण ने संसद में दिए एक लिखित जवाब में कहा कि सरकारी बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 1.5 लाख करोड़ रुपये (21.76 अरब डॉलर) के लोन को विलफुल डिफॉल्ट श्रेणी में डाला। इसमें भारतीय स्टेट बैंक की हिस्सेदारी करीब एक तिहाई है।
वित्त मंत्री आरबीआइ के केंद्रीय बोर्ड को संबोधित करेंगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के केंद्रीय बोर्ड को संबोधित करेंगी। पारंपरिक रूप से वित्त मंत्री बजट पेश करने के बाद आरबीआइ के केंद्रीय बोर्ड को संबोधित करते हैं। इस दौरान आर्थिक मुद्दों और वित्तीय नीति से जुड़े फैसलों पर चर्चा होगी।
भारत ने टैक्स चोरी पर ओईसीडी समझौते को मंजूरी दी
वित्त मंत्रालय ने कहा कि टैक्स चोरी पर ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) की परियोजना को लागू करने से जुड़े बहुपक्षीय समझौते को भारत ने मंजूरी दे दी। द्विपक्षीय कर समझौतों के लिए इससे जुड़े प्रावधान 2020-21 से प्रभावी होंगे।