नई श्रम संहिताओं ने खत्म की कामगारों की सुरक्षा, कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला
संसद से पारित तीन श्रम संहिताओं को श्रमिक विरोधी बताते हुए कांग्रेस नेकेंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने आरोप लगाया कि इन विधेयकों ने ट्रेड यूनियनों को कमजोर किया है और कामगारों की सुरक्षा खत्म की है।
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद से बुधवार को पारित तीन श्रम संहिताओं को श्रमिक विरोधी बताते हुए कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने आरोप लगाया कि इन विधेयकों ने ट्रेड यूनियनों को कमजोर किया है और कामगारों की सुरक्षा खत्म की है। कांग्रेस नेता और पूर्व श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार का यह दावा झूठा है कि इन कानूनों से कारोबार करने की सुगमता ब़़ढेगी। इन कानूनों के जरिये केंद्र सरकार ने राज्यों के अधिकार ह़़डप लिए हैं। ये संहिताएं कामगार और श्रमिक विरोधी हैं और इनके खिलाफ आंदोलन करना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को इन कानूनों का विरोध करना चाहिए। मोदी सरकार सिर्फ कारपोरेट्स की बात सुनती है और इन कानूनों के बाद सरकार ट्रेड यूनियनों की बात भी नहीं सुनेगी। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खे़़डा ने कहा कि किसानों की तरह सरकार ने कामगारों के साथ भी विश्वासघात किया है। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अध्यक्ष जी. संजीव रेड्डी ने कहा कि वे इन अन्यायपूर्ण, श्रमिक और ट्रेड यूनियन विरोधी कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और संघषर्ष करेंगे।
कृषि विधेयकों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी दे सरकार : राहुल
संसद से पारित कृषिष विधेयकों के खिलाफ हमले को धार देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को 'स्पीक अप फॉर फार्मर्स' नाम से सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया। उन्होंने सरकार से इन विधेयकों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य ([एमएसपी)] की गारंटी देने की मांग की। कैंपेन के तहत अपने वीडियो संदेश में राहुल ने किसानों से कहा कि उन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी, फिर कोरोना वायरस के समय आपको एक रपया भी नहीं दिया गया, आपको मारने की कोशिश की गई, आपको कारपोरेट का गुलाम बनाया जा रहा है और अब ये तीन जानलेवा विधेयक।'