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NDA राज्यसभा में बहुमत से दो कदम दूर, कुछ और विपक्षी सदस्यों के पाला बदलने की संभावना

समाजवादी पार्टी के एक और सांसद ने शुक्रवार को राज्यसभा से इस्तीफा देकर करारा झटका दिया है। सपा के राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर ने सदन के साथ पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 09:21 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 07:08 AM (IST)
NDA राज्यसभा में बहुमत से दो कदम दूर, कुछ और विपक्षी सदस्यों के पाला बदलने की संभावना
NDA राज्यसभा में बहुमत से दो कदम दूर, कुछ और विपक्षी सदस्यों के पाला बदलने की संभावना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के एक और सांसद ने शुक्रवार को राज्यसभा से इस्तीफा देकर करारा झटका दिया है। सपा के राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर ने सदन के साथ पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है।

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नीरज शेखर की तरह नागर भी भाजपा का दामन थामकर दोबारा राज्यसभा पहुंच सकते हैं। दो दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता प्राप्त कर ली है। इससे साफ है कि राजग राज्यसभा में बहुमत से सिर्फ दो कदम दूर रह गई है।

राज्यसभा में कुल 245 सदस्यों में पांच पद रिक्त चल रहे हैं, जिससे बहुमत के लिए 121 सदस्यों की जरूरत है। वर्तमान में भाजपा समेत राजग, निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों की कुल संख्या 116 है। सदन में कांग्रेस के संजय सिंह और सपा सदस्य नीरज शेखर पहले ही इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जबकि सपा के ही सुरेंद्र नागर ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है, जिनका भाजपा में जाना तय है। इसी तरह कुछ और विपक्षी दलों के सदस्यों के पाला बदलकर भाजपा में आने की संभावना है।

सुरेंद्र नागर का कार्यकाल चार जुलाई 2022 तक बाकी था। लेकिन उन्होंने भाजपा में जाने का मन बनाकर ही राज्यसभा से इस्तीफा दिया है। इस्तीफे से खाली तीनों सीटें चुनाव होने पर भाजपा के खाते में जाएंगी। इस तरह राजग के खेमे के सदस्यों की संख्या बढ़कर 119 हो जाएगा। यानी राज्यसभा में राजग बहुमत से केवल दो कदम पीछे रह गया है। सूत्रों की मानें तो अभी कुछ और नेता राज्यसभा में पाला बदलने की तैयारी में हैं।

सुरेंद्र नागर के भाजपा में जाने की अटकलें काफी पहले से ही लगाई जा रही थीं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाये जाने को लेकर उनके बयान से उनके भाजपा में जाने के कयास लगने शुरु हो गये थे। नागर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दिग्गज गुर्जर नेताओं में शुमार हैं। उनके इसी राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए भाजपा ने उनसे पार्टी में आने की पेशकश की थी।

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