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ट्रेन यात्रियों के लिए क्या-क्या किया, यह बताने के लिए सांसदों को रिपोर्ट कार्ड सौंपेगा रेलवे

ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों में नाराजगी बढ़ने के साथ ही विपक्षी पार्टियां भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं। इससे रेलवे की छवि धूमिल हो रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 09:41 AM (IST)
ट्रेन यात्रियों के लिए क्या-क्या किया, यह बताने के लिए सांसदों को रिपोर्ट कार्ड सौंपेगा रेलवे
ट्रेन यात्रियों के लिए क्या-क्या किया, यह बताने के लिए सांसदों को रिपोर्ट कार्ड सौंपेगा रेलवे

नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। ट्रेनों की लेटलतीफी से पिछले वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से धूमिल हुई छवि को सुधारने के लिए रेलवे ने कवायद शुरू कर दी है। वह अपनी उपलब्धियां जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सांसदों को रेलवे अधिकारी रिपोर्ट कार्ड सौंपेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में उनके संसदीय क्षेत्र में रेल सेवा को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं। उत्तर रेलवे में इसकी तैयारी पूरी हो गई है और सात सितंबर को महाप्रबंधक सांसदों के साथ बैठक करेंगे।

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रेल हादसे रोकने के लिए रेलवे ने बड़े पैमाने पर संरक्षा कार्य शुरू किया है, जिसका असर ट्रेनों के टाइम टेबल पर भी पड़ा है। वहीं, ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों में नाराजगी बढ़ने के साथ ही विपक्षी पार्टियां भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं। इससे रेलवे की छवि धूमिल हो रही है इसे लेकर रेल प्रशासन भी चिंतित है। उसका कहना है कि अब ट्रेनों की समयबद्धता भी सुधरने लगी है।

जनप्रतिनिधियों की सलाह पर बुनियादी ढांचे में सुधार और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सांसद निधि कोष से भी कई रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं। गतिमान, तेजस जैसी तेज रफ्तार व आधुनिक सुविधाओं वाली ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन बातों की जानकारी जनता तक पहुंचाने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर विशेष बुकलेट तैयार किए गए हैं।

बुकलेट में प्रत्येक व संसदीय क्षेत्रवार उपलब्धियों का ब्योरा दिया गया है। पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में हुए कार्यो से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अबतक किए गए कार्यो की तुलना भी की गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सभी सांसदों को बुकलेट दी जाएगी जिससे कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को रेलवे की उपलब्धियों की जानकारी दे सकें।

अधिकारियों का कहना है कि पहले भी अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाते रहे हैं। इसी तरह से यात्रियों से फीडबैक लेने के लिए भी कई बार विशेष अभियान चलाया गया है। जनप्रतिनिधियों और यात्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर सफाई व खानपान में सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं। इसी तरह से लोगों की जरूरत के अनुसार फुट ओवरब्रिज के निर्माण किए गए हैं। रेलवे फाटकों पर हादसों को रोकने के लिए सीमित ऊंचाई वाले सब-वे का निर्माण किया जा रहा है। इन बातों की जानकारी महाप्रबंधक के साथ होने वाली बैठक में सांसदों को दी जाएगी।

टीटीई की मांगों को संसद में उठाएंगे तिवारी

टिकट निरीक्षकों की मांगों को दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी संसद में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि टिकट निरीक्षकों को रनिंग स्टाफ की मान्यता देने सहित अन्य सभी जायज मांगों पर रेल प्रशासन को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। वह तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टॉफ आर्गनाइजेशन (आइआरटीसीएसओ) की स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने भी उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। मंथन नाम से आयोजित इस सम्मेलन में चल टिकट निरीक्षकों (टीटीई) की समस्याओं और भारतीय रेल में उनके योगदान पर चर्चा की गई। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुकेश गौतम ने बताया कि रेल परिचालन में टीटीई का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए रेल प्रशासन को उनकी समस्याओं को दूर करना चाहिए। 120 सांसदों ने उनकी मांगों को अपना समर्थन दिया है। मनोज तिवारी ने कहा कि वह सदन में यह मामला उठाएंगे। लोहानी ने कहा कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया है और इस पर विचार किया जाएगा। टीटीई के खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। सांसद जगदंबिका पाल, रमेश बिधूड़ी ने भी इनकी मांगों का समर्थन किया।

टिकट निरीक्षकों की मुख्य मांगें

रनिंग स्टाफ की मान्यता, एक टीटीई को अधिकतम ट्रेन के तीन कोच की जिम्मेदारी, प्रति वर्ष दस हजार रुपये वर्दी भत्ता, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने, रिक्त पदों को भरने और नई भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक करने आदि मांगें रखी गईं।

12 घंटे की देरी से चल रहीं पूर्व दिशा को जाने वाली ट्रेनें

बरसात से यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। पिछले दिनों ट्रेनों की लेटलतीफी कुछ कम हुई थी, लेकिन बारिश से एक बार फिर से ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं। सबसे ज्यादा परेशान पूर्व दिशा की ट्रेनों से यात्र करने वाले हैं। न्यू जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली सुपरफास्ट एक्सप्रेस तो बुधवार को 12.36 घंटे की देरी से नई दिल्ली स्टेशन पहुंची। वहीं, मऊ-आनंद विहार एक्सप्रेस भी 11 घंटे की देरी से आनंद विहार टर्मिलन पर पहुंची। सरयू-यमुना एक्सप्रेस सात घंटे पूवरेत्तर एक्सप्रेस सवा छह घंटे, पूर्वा एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे, झारखंड स्वर्णजयंती एक्सप्रेस सवा पांच घंटे, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस, रीवा -आनंद विहार एक्सप्रेस व हावड़ा-आनंद विहार एक्सप्रेस चार घंटे, गोमती एक्सप्रेस पौने चार घंटे, की देरी से गंतव्य पर पहुंची। भागलपुर गरीबरथ ढाई घंटे, आगरा इंटरसिटी दो घंटे और आनंद विहार-हटिया एक्सप्रेस पौने दो घंटे की देरी से रवाना हुई। अधिकारियों का कहना है कि बरसात की वजह से सिग्नल प्रणाली को नुकसान पहुंचने से ट्रेनें लेट हो रही हैं।

ट्रेनों में लगाए जा रहे अतिरिक्त कोच

त्योहार के दिनों में होने वाली भीड़ को ध्यान में रखकर रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। कई विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई है। साथ ही ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं। दशहरा, दिवाली व अन्य त्योहार के दिनों में अधिकतर ट्रेनों में जगह नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए श्रीगंगानगर-दिल्ली एक्सप्रेस, दिल्ली-फाजिल्का एक्सप्रेस और उदयपुर-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस में भी थर्ड एसी के एक-एक अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में जरूरत के अनुसार कुछ और ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जाएंगे। वहीं, किशनगंज से अजमेर के बीच चलने वाली गरीब नवाज एक्सप्रेस में दिल्ली से अजमेर के बीच में दो नए ठहराव दिए गए हैं। यह ट्रेन दौसा स्टेशन पर भी अब ठहरेगी। अजमेर जाते समय यह शाम 5.24 बजे दौसा पहुंचेगी। दिल्ली आते समय अपराह्न 2.05 बजे इस स्टेशन पर पहुंचेगी। अलवर के खैरथल में भी इसका ठहराव होगा। अजमेर जाते समय अपराह्न 3.57 बजे और वापसी दिशा में शाम 4.05 बजे यह ट्रेन इस स्टेशन पर पहुंचेगी।


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