RSS के साथ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भी पूरे देश में NRC लागू करने के पक्ष में
National Register of Citizens एमआरएम चाहता है कि एनआरसी पूरे देश में लागू हो। हालांकि इसके लिए पहले मुस्लिम समाज को जागरूक करना जरूरी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (muslim rashtriya manch) के एजेंडे में अब राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens of India) रहेगा। केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) भी इसे पूरे देश में लागू करने के पक्ष में है, क्योंकि देश में घुसपैठियों को बड़ी समस्या के तौर पर देखा जा रहा है। इससे सीमा क्षेत्र के आस-पास के जिलों का जनसंख्या समीकरण पूरी तरह से बदल गया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) के आदेश में फिलहाल इसे असम में लागू किया गया है, जहां इसके क्रियान्वयन में कई विसंगतियां भी सामने आई हैं। काफी संख्या में मुस्लिम के साथ हिंदू आबादी में एनआरसी से बाहर हो गई है। ऐसे में इसे लेकर समाज में ऊहापोह की स्थिति है। मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोग भी इसे संदेश की नजर से देख रहे हैं।
एमआरएम चाहता है कि एनआरसी पूरे देश में लागू हो। हालांकि, इसके लिए पहले मुस्लिम समाज को जागरूक करना जरूरी है। इस बारे में एमआरएम के प्रवक्ता यासिर जिलानी ने कहा कि हम लोग अब नए मुद्दे पर काम करने जा रहे हैं। एमआरएम ने एनआरसी पर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की तैयारी की है। इससे घुसपैठियों की पहचान हो सकेगी। यह किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है। एमआरएम की कोशिश है कि देश में अवैध तरीके से रह रहे विदेशियों की पहचान हो सके। लोग घुसपैठियों के तौर पर क्यों रहें, वह अपना पंजीकरण कराएं और विदेशी नागरिक के स्टेटस से देश में रहे। वहीं, जिलानी ने कहा कि इसे लेकर मुस्लिम समाज में भ्रम की स्थिति है। जिसे दूर किए जाने की आवश्यकता है।
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