BJP विधायक मानवेंद्र ने बदला पाला, राज्यवर्धन बोले- कांग्रेस ने 70 साल में मंत्री नहीं बनाया
राजस्थान विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा की परेशानी बढ़ गई है। इससे मारवाड़ में भाजपा का राजनीतिक समीकरण बिगड़ेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्य और पुराने नेता जसवंत सिंह के बेटे व बागी विधायक मानवेंद्र सिंह ने बुधवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्होंने बुधवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके घर पर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पार्टी की सदस्यता ले ली है। भाजपा से नाराजगी की वजह से मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें कई दिनों से लगाई जा रहीं थीं।
मालूम हो कि भाजपा में उपेक्षा का शिकार होने की वजह से वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह और उनके बेटे मानवेंद्र सिंह लंबे समय से पार्टी से खफा चल रहे थे। पिता-पुत्र सार्वजनिक मंच पर कई बार पार्टी के प्रति असंतोष भी व्यक्त कर चुके थे। इसके बाद से ही अटलके लगनीं शुरु हो गईं थीं कि पिता-पुत्र भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं।
मानवेंद्र सिंह ने बुधवार सुबह ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे वह राहुल गांधी के दिल्ली स्थिति आवास से मुलाकात कर निकले थे। मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनका पार्टी में स्वागत किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट में अपने साथ मानवेंद्र सिंह के पार्टी में शामिल होने की तस्वीर भी साझा की है।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद मानवेंद्र सिंह ने एक प्रेस कॉफ्रेंस कर इसकी पुष्टि की है। मानवेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सुबह राहुल गांधी से मुलाकात की है। उन्होंने उनका पार्टी (कांग्रेस) में स्वागत किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि उनके समर्थक अब भी उनके साथ ही बने रहेंगे।
मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने पर केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि ये उनका (मानवेंद्र सिंह) का फैसला है। उनके पिता जसवंत सिहं ने कांग्रेस से लड़ने में पूरी जिंदगी निकाल दी। भाजपा ने उन्हें वित्त मंत्री और रक्षामंत्री बनाकर सम्मान दिया था। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी ने 70 सालों में राजस्थान के किसी भी राजपूत नेता को केंद्र में जगह नहीं दी है।
राजस्थान विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि इससे मारवाड़ में भाजपा का राजनीतिक समीकरण बिगड़ेगा। मालूम हो कि बाड़मेर और जैसलमेर में जसोला परिवार काफी प्रभाव रखता है। इन इलाकों में राजपूत के साथ ही सिंधी और मुस्लिम भी जसोला परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं।