दिल्ली चुनाव परिणाम पर ज्योतिरादित्य बोले, कांग्रेस को देश के लोगों से नए तरीके से जुड़ना होगा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पार्टी को एक नई सोच के साथ काम करने की जरूरत है। देश अब बदल चुका है इसलिए हमें लोगों से जुड़ने के लिए सोच बदलनी होगी।
भोपाल, एएनआइ। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की ओर से पार्टी में अमूल-चूल परिवर्तन की मांग उठने लगी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश की सबसे पुरातन पार्टी को आईना दिखाया है। सिंधिया ने पार्टी की कार्यप्रणाली बदलने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें देश के लोगों से नए तरीके से जुड़ने के बारे में सोचना होगा।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में गुरुवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की लगातार दूसरी करारी हार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निराशाजनक बताया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दिल्ली में स्पष्ट है कि हमारी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। अब देश बदल रहा है और हमें भी बदले हुए परिवेश में जाने की जरूरत है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उठाए सवाल
इसके पहले पार्टी की बड़ी नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी कांग्रेस की हार पर आलाकमान सहित दिल्ली इकाई के नेताओं पर बड़े सवाल खड़े कर चुकी हैं। मुखर्जी ने आलाकमान द्वारा निर्णय लेने में देरी करने और दिल्ली इकाई में एकता की कमी के गंभीर आरोप लगाए थे।
वीरप्पा मोइली बोले, सर्जिकल एक्शन की जरूरत
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी कहा कि पार्टी को जिंदा करने के लिए 'सर्जिकल एक्शन' की जरूरत है। उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति को लेकर कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने चिंता जताते हुए कहा कि पार्टी को खुद में बड़ा बदलाव करना होगा, नहीं तो वह अप्रासंगिक हो जाएगी।
बता दें कि राजधानी दिल्ली में देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी पर अस्तित्व का संकट ही खड़ा हो गया है। बीते दो विधानसभा चुनाव में पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई है। ऐसे में अब पार्टी के निर्णयों पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
कई बड़े नेताओं ने टिकट लेने से किया था इनकार
दिल्ली के पिछले दो विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बहुत खराब साबित हुए हैं। साल 2015 और हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई है। पार्टी की दिल्ली में इतनी बुरी हालत कभी नहीं रही है। चुनाव पूर्व दिल्ली में कांग्रेस की स्थित को भांपते हुए इस बार तो कई बड़े नेताओं ने टिकट लेने तक से इनकार कर दिया था। ऐसे में पार्टी की खस्ता हालत के बाद सवाल खड़े होने लगे हैं।
गौरतलब है कि 11 फरवरी को आए चुनाव परिणाम में आम आदमी पार्टी ने हैट्रिक मारते हुए कुल 62 सीटों में जीत दर्ज की है। भाजपा ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस पार्टी इस बार भी खाता नहीं खोल पाई, जिसके बाद से पार्टी के नेता चुनावी हार पर बयानबाजी में लगे हुए हैं।