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भाजपा ने रोहिंग्याओं को 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' बताया, कहा- राष्‍ट्र हित सर्वोपरि, दिल्‍ली सरकार पर लगाए आरोप

भाजपा का कहना है कि रोहिंग्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और केंद्र की नरेन्‍द्र मोदी सरकार इस मसले पर कभी समझौता नहीं करेगी। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ किया कि वह इन घुसपैठियों को वापस म्यांमार भेजने की कोशिश कर रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 10:33 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 10:42 PM (IST)
भाजपा ने रोहिंग्‍याओं को राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।

नई दिल्‍ली, एजेंसी/ब्‍यूरो। भाजपा ने बुधवार को रोहिंग्या मुद्दे (Rohingya Issue) पर कहा कि अवैध प्रवासी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और केंद्र की नरेन्‍द्र मोदी सरकार इस मसले पर कभी समझौता नहीं करेगी। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रोहिंग्याओं को 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' बताया। उन्‍होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं।

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केंद्र सरकार की दो-टूक वापस म्‍यांमार भेजेंगे

वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी रोहिंग्या घुसपैठियों को आर्थिक रूप से गरीब तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए तैयार फ्लैटों में रखे जाने की खबरों को खारिज करते हुए उन्हें मौजूदा स्थान पर ही रखे जाने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय ने साफ किया कि विदेश मंत्रालय की मदद से सरकार इन घुसपैठियों को वापस म्यांमार भेजने की कोशिश कर रही है। रोहिंग्या घुसपैठियों को फ्लैट दिए जाने के विवाद के लिए भाजपा ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

विश्‍व हिंदू परिषद ने भी जताया एतराज 

दरअसल, विवाद की शुरुआत शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट से हुई, जिसमें टैग की हुई मीडिया रिपोर्ट में रोहिंग्या घुसपैठियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट में शिफ्ट करने और उन्हें मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ पुलिस सुरक्षा प्रदान किए जाने का दावा किया गया था। पुरी के इस ट्वीट को रोहिंग्या घुसपैठियों के प्रति मोदी सरकार की नीति में बड़े परिवर्तन के रूप में देखा गया। विश्व हिंदू परिषद ने इस पर कड़ा एतराज जताया और फैसला वापस लेने की मांग की।

डिटेंशन सेंटर में रखें जाएंगे रोहिंग्‍या

अंतत: गृह मंत्रालय ने साफ किया इस आशय का कोई फैसला नहीं लिया गया है और दिल्ली सरकार को यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया है यानी रोहिंग्या घुसपैठिए जहां हैं, वहीं रहेंगे। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में आता है और उसकी अनुमति के बिना ईडब्ल्यूएस फ्लैट में शिफ्ट करने का फैसला वैध नहीं है। रोहिंग्या घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए विदेश मंत्रालय के मार्फत म्यांमार से बात चल रही है, लेकिन वापसी तक उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखना होगा।

दिल्‍ली सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 

गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने अभी तक रोहिंग्या घुसपैठियों के रहने वाले स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है, जिसे तत्काल किया जाना चाहिए। हरदीप पुरी ने भी गृह मंत्रालय के स्पष्टीकरण को टैग करते हुए ट्वीट किया कि इससे रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर स्थिति साफ हो गई है। हालांकि देर शाम तक उन्होंने अपने पुराने ट्वीट को डिलीट नहीं किया था। 

भाजपा ने दिल्‍ली सरकार पर बोला हमला 

गृह मंत्रालय के स्पष्टीकरण के बाद भाजपा ने पूरे विवाद के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हमला बोल दिया। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने 29 जुलाई को एक बैठक बुलाकर जल्दबाजी में यह फैसला लिया था। टायलेट व पानी के लिए बोरवेल के साथ ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने और दिल्ली पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला इसी बैठक में लिया गया था।

केजरीवाल का हाथ, घुसपैठियों के साथ

गौरव भाटिया ने कहा कि इससे साफ हो गया है कि केजरीवाल का हाथ घुसपैठियों के साथ है और उन्हें दिल्ली की जनता की कोई चिंता नहीं है। भाटिया ने कहा कि मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

परवेश साहिब सिंह ने किया ट्वीट 

दिल्ली के सांसद परवेश साहिब सिंह ने दिल्ली सरकार की ओर से एनडीएमसी चेयरमैन को 23 जून, 2021 को लिखा पत्र टैग करते हुए ट्वीट किया। पत्र में दिल्ली सरकार की ओर से बक्करवाला में बन रहे 240 ईडब्ल्यूएस फ्लैट रोहिंग्या को देने का अनुरोध किया गया था। परवेश के अनुसार, केजरीवाल की रोहिंग्या को ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने की योजना लंबे समय से थी, लेकिन विवाद बढ़ने पर इससे हाथ झाड़ रहे हैं।

दिल्‍ली सरकार ने कही यह बात  

वहीं दिल्ली सरकार के उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है कि उनकी सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं को अवैध रूप से नहीं बसाने देगी।


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