Move to Jagran APP

1984 सिख विरोधी दंगा: निगरानी कर रही SIT में दो सदस्यों के रहने पर आपत्ति नहीं-सरकार

केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की आगे जांच कर एसआइटी में दो सदस्यों के काम करते रहने पर उसे आपत्ति नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 09:20 PM (IST)
1984 सिख विरोधी दंगा: निगरानी कर रही SIT में दो सदस्यों के रहने पर आपत्ति नहीं-सरकार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केन्द्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की आगे जांच कर ही एसआइटी में दो सदस्यों के काम करते रहने पर उसे आपत्ति नहीं है। सरकार ने कोर्ट से कहा कि सेवानिवृत आइपीएस अधिकारी राजदीप सिंह की जगह किसी और को एसआइटी में शामिल करना जरूरी नहीं है। राजदीप सिंह ने निजी कारणों का हवाला देते हुए एसआइटी का सदस्य बनने से मना कर दिया है।

loksabha election banner

सरकार की ओर से सिख दंगों के मामलों में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष सरकार की ओर से यह बात कही गई। सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि मामलों की आगे जांच की निगरानी कर रहे एसआइटी के बाकी के दो सदस्य हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसएन धींगरा और आइपीएस अधिकारी अभिषेक दुलार के निगरानी जारी रखने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।

हालांकि कोर्ट ने सोमवार को यह कहते हुए सुनवाई नहीं की कि एसआइटी गठन का आदेश गत 11 जनवरी को तीन सदस्यीय पीठ ने दिया था ऐसे में उस आदेश में बदलाव दो सदस्यीय पीठ नहीं कर सकती। कोर्ट ने इस मामले को 4 दिसंबर मंगलवार को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। केन्द्र की ओर से पेश एएसजी पिंकी आनंद ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ता के इस सुझाव पर कोई आपत्ति नहीं है कि एसआइटी के दो सदस्य ही जांच की निगरानी जारी रखें।

सुप्रीम कोर्ट ने गत 11 जनवरी को सेवानिवृत न्यायाधीश एसएन धींगरा की अध्यक्षता में दंगों के 186 मामलों की आगे जांच की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था। इन मामलों में पहले क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हुई थी।

1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगे भड़के थे जिसमें दिल्ली में ही हजारों लोगों की जानें गईं थीं। दंगों में कानपुर में भी जान माल का बड़ा नुकसान हुआ था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.