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सीएए प्रदर्शनकारियों पर योगी के बयान को नहीं किया जा सकता बर्दाश्त - NCP

नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौत पर यूपी के सीएम योगी के बयान पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 12:15 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 12:15 PM (IST)
सीएए प्रदर्शनकारियों पर योगी के बयान को नहीं किया जा सकता बर्दाश्त - NCP
सीएए प्रदर्शनकारियों पर योगी के बयान को नहीं किया जा सकता बर्दाश्त - NCP

मुंबई, एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)के नेता नवाब मलिक ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ऐसे बयान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों के पास प्रदर्शन करने का हक है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की। नवाब यहीं नहीं रूके और उन्होंने इस दौरान योगी आदित्यनाथ की तुलना जनरल डायर से कर दी और कहा कि उनके बयान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।  

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योगी के बयान की बसपा ने भी आलोचना की है। बसपा नेता सुधींद्र भदोरिया ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार 'भारतीय संविधान के मापदंड' से परे बयान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि योगी लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्हें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। यह काफी खतरनाक है। 

योगी आदित्यनाथ का बयान 

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों की मौत पुलिस गोलीबारी के कारण नहीं हुई, बल्कि आपस में ही हुई गोलीबारी से हुई। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में दंगा नहीं हुआ। पुलिस की गोलीबारी में किसी की मौत नहीं हुई। 

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन

पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में नागरिकता कानून बिल के पास होने के बाद से उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है। विपक्ष, इस कानून को मुस्लिम विरोधी बता रही है। वहीं सरकार ने साफ कहा है कि यह कानून किसी भी भारतीय के खिलाफ नहीं है। इस कानून में नागरिकता देने का प्रावधान है, छीनने का नहीं। बता दें कि इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मीक उत्पीड़न के कारण दिसंबर 2014 तक भारत आए इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। 


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