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EVM Hacking: गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय की मांग, RAW करे मामले की जांच

लंदन में एक तथाकथित तकनीशियन ने ईवीएम को हैक करने का जो स्वांग रचा उसने उस तमाशे की याद दिला दी जो कुछ समय पहले एक नकली ईवीएम मशीन के जरिये दिल्ली विधानसभा में किया गया था।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 12:35 PM (IST)
EVM Hacking: गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय की मांग, RAW करे मामले की जांच
EVM Hacking: गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय की मांग, RAW करे मामले की जांच

मुंबई, एएनआइ। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) में छेड़छाड़ का मुद्दा फिर गर्म है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस-भाजपा के बीच इसे लेकर जमकर राजनीति हो रही है। अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट द्वारा किए गए खुलासों से भारतीय राजनीति में एक बार फिर ईवीएम को लेकर भूचाल आ गया है। एक्सपर्ट ने चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम को लेकर कई खुलासे किए, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत को लेकर सनसनीखेज जानकारी भी शामिल थी। हैकर के अनुसार, गोपीनाथ मुंडे की हत्या हुई थी। इस खुलासे पर उनके भतीजे और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने जांच की मांग की है।

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धनंजय मुंडे ने कहा, 'गोपीनाथ मुंडे की मौत की से जुड़ी जानकारी खबर हमारे लिए चौंकानेवाली थी। इसकी जांच रॉ अन्यथा सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुवाई में होनी चाहिए।' बता दें कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता मुंडे ने अमेरिका में रह रहे भारतीय साइबर विशेषज्ञ के दावे पर आश्चर्य जताया।

लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साइबर एक्सपर्ट ने उनकी मौत से जुड़ा बड़ा खुलासा किया। एक्सपर्ट सैयद शुजा का दावा था कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी की जीत ईवीएम में घपले की वजह से हुई थी, इसी का राज गोपीनाथ मुंडे को पता था इसलिए उनकी हत्या करवा दी गई थी। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिलने के कुछ ही सप्ताह के भीतर दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में गोपीनाथ मुंडे की मृत्यु हो गई थी।

लंदन में एक तथाकथित तकनीशियन ने ईवीएम को हैक करने का जो स्वांग रचा उसने उस तमाशे की याद दिला दी जो कुछ समय पहले एक नकली ईवीएम मशीन के जरिये दिल्ली विधानसभा में किया गया था। क्या यह महज दुर्योग है कि जिस समय लंदन में ईवीएम पर संदेह जताया जा रहा था उसी समय ममता बनर्जी ने इस मशीन को लेकर अपनी चिंता जाहिर की? ईवीएम के खिलाफ दुष्प्रचार को धार देने के लिए ऐसे तर्क देकर जनता को गुमराह करने की कोशिश ही होती है कि अगर कहीं कोई संदेह है तो उसका निवारण किया जाए। वोट के साथ पर्ची निकालने की व्यवस्था के बाद इसका कोई औचित्य नहीं कि ईवीएम पर बिना किसी प्रमाण संदेह जताया जाए। वास्तव में ईवीएम के खिलाफ जारी दुष्प्रचार केवल चुनाव आयोग को बदनाम करना ही नहीं, देश को बैलगाड़ी युग में ले जाना भी है।

हालांकि हैकर के दावे पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है। मशीन तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में ही तैयार होती है। लंदन में हैकिंग को लेकर आयोजित कार्यक्रम को चुनाव आयोग ने प्रायोजित करार दिया है। आयोग ने हैकर के दावों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार करने की बात कहते हुए ईवीएम को छेड़छाड़ से मुक्त करार दिया है।

आयोग ने एक बार फिर से अपनी इस बात को दोहराया है कि वर्ष 2010 में ही आयोग ने मशीनों की गुणवत्ता जांचने परखने के लिहाज से एक तकनीकी समिति का गठन किया था। सभी मशीनें इस समिति की देखरेख में ही बनती हैं। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से किया जाता है। यह निर्माण बेहद कठोर निगरानी और सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए होता है।


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