Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए सिरे से शुरू होगा ग्रामीण आजीविका मिशन, 2013 में मंजूरी के बाद भी नहीं हुआ था लागू

अभी तक जम्मू-कश्मीर में ठीक से लागू नहीं हो पाए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) को नए सिरे से लागू किया जाएगा। इस मिशन से ग्रामीण इलाकों में दो-तिहाई परिवार को स्वावलंबी बनाने में मदद मिलेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:49 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए सिरे से शुरू होगा ग्रामीण आजीविका मिशन, 2013 में मंजूरी के बाद भी नहीं हुआ था लागू
पीएम मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए बड़ा फैसला हुआ...

नई दिल्ली, जेएनएन। अभी तक जम्मू-कश्मीर में ठीक से लागू नहीं हो पाए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को नए सिरे से लागू किया जाएगा। इस मिशन से ग्रामीण इलाकों में दो-तिहाई परिवार को स्वावलंबी बनाने में मदद मिलेगी। अगले पांच साल के दौरान इस मिशन पर 520 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस मिशन के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार से एक-एक महिला को जोड़कर एक स्वयं सहायता समूह बनाया जाता है। फिर इस समूह को स्थानीय जरूरत के अनुसार आजीविका जुटाने के लिए प्रशिक्षण व धन अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है।

loksabha election banner

पूरे देश में इस मिशन को गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना के नाम से चलाया गया लेकिन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए इसमें गरीबी की शर्त को खत्म कर दिया गया है और जरूरत के मुताबिक किसी भी परिवार को इसमें शामिल किया जा सकता है। देश के बाकी हिस्सों में इस योजना से गरीब परिवारों की स्थिति सुधारने में मिली सफलता को देखते हुए इसे नए सिरे से जम्मू-कश्मीर में लागू करने का फैसला किया गया। इसके पहले 2013-14 में जम्मू-कश्मीर में इस योजना को लागू करने के लिए फंड जारी किए गए थे लेकिन इसे लागू नहीं कराया जा सका था।

नए फैसले में इसे 2023-24 तक लागू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्र सरकार चाहती है कि यह योजना 10 करोड़ों महिलाओं तक पहुंचे। यह पांच साल के लिए रहेगी और इसका फायदा 10,58,000 परिवारों को होगा। इस योजना में ग्रामीण कश्मीर, लद्दाख और जम्मू में रहने वाले दो तिहाई लोग शामिल होंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इस योजना में बहुत कम महिलाओं का रजिस्ट्रेशन होता था, अब वहां दो तिहाई परिवार इससे जुड़ जाएंगे। जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि दोनों केंद्र शासित क्षेत्रों के लोग इस फैसले का स्वागत करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.