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MVA Crisis: बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा, उद्धव ठाकरे स्‍वीकार करें कि उनके गुट ने खो दिया है बहुमत

बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे हमारे विधायकों के साथ हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें अपने शिव सैनिकों को नियंत्रित करना चाहिए सीएम होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 08:35 PM (IST)
शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर !

गुवाहाटी, एएनआई। शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह स्वीकार करना चाहिए कि उनके गुट ने बहुमत खो दिया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में जीत हासिल करने के बाद उन्हें 'लोकतंत्र का सम्मान' करना चाहिए। ।

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फोन पर बात करते हुए केसरकर ने कहा, हम 35 साल से बीजेपी के साथ गठबंधन में थे और हमने गठबंधन के रूप में चुनाव जीता, इसलिए हमें लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए। उद्धव ठाकरे को यह स्वीकार करना चाहिए कि उनकी पार्टी ने बहुमत खो दिया है, जिसे लोकतंत्र कहा जाता है।

शिवसेना की कार्यकारिणी बैठक के बाद गुवाहाटी से ही पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे गुट के विधायक एवं पूर्व गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि हम सब शिवसैनिक हैं, और हमें नया नाम लेने की जरूरत ही नहीं है। हम तो सिर्फ इतना चाहते हैं कि पार्टी विधायकों का बहुमत हमारे साथ है, इसलिए हमारे गुट को मान्यता दी जाए। कोंकण के सावंतवाड़ी क्षेत्र से विधायक केसरकर के अनुसार यदि विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल हमारी मांग पर ध्यान नहीं देंगे तो हमें अदालत का सहारा लेना पड़ेगा।

विद्रोही गुट ने कहा, किसी दूसरे दल के साथ विलय नहीं

केसरकर ने यह भी साफ कर दिया कि संख्या बल हमारे साथ है। लेकिन हम अपने पार्टी अध्यक्ष (उद्धव ठाकरे) का सम्मान करते हैं, और हमारा गुट किसी और पार्टी के साथ विलय नहीं करेगा। यदि हमारे गुट को मान्यता नहीं मिलती, तो हम कोर्ट जाएंगे, या कोई और रास्ता अपनाएंगे। केसरकर ने कहा कि यह संवैधानिक संघर्ष है। हम बालासाहब ठाकरे के विचारों को नहीं छोड़ने वाले। हम कोई गलत या अवैधानिक काम नहीं करेंगे।

एकनाथ शिंदे का दावा है कि उन्हें शिवसेना के 55 विधायकों में से 38 विधायकों का समर्थन हासिल है, जो 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी की ताकत के दो तिहाई से अधिक है। इसका मतलब है कि वे या तो शिवसेना को छोड़ सकते हैं और एक और राजनीतिक दल बना सकते हैं या राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित किए बिना दूसरे के साथ विलय कर सकते हैं। बागी विधायक ने यह भी बताया कि शिंदे गुट ने अपने समूह का नाम 'शिवसेना बालासाहेब' रखने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना बालासाहेब नाम से एक नया समूह बनाने का फैसला किया है। हम भविष्य में इस समूह का नाम रखेंगे। नवगठित समूह के नाम पर हमारा कार्यालय विधान भवन में होगा। अपने समूह के पंजीकरण की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित नेता एकनाथ शिंदे इस मामले पर फैसला करेंगे। केसरकर ने कहा कि यह फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे, वह हमारे नेता हैं और वह इस पर फैसला करेंगे। महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बागी विधायकों के कार्यालयों में तोड़फोड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और मुख्यमंत्री से 'अपने शिवसैनिकों को नियंत्रित करने' के लिए कहा।

उन्‍होंने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे हमारे विधायकों के साथ हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें अपने शिव सैनिकों को नियंत्रित करना चाहिए, सीएम होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है। कानून और व्यवस्था को हाथ में नहीं लेना चाहिए चाहे वह कोई भी हो।

केसरकर ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की खिंचाई की, जिन्होंने राजनीतिक उथल-पुथल के बीच उद्धव गुट को समर्थन दिया है। उन्‍होंने कहा कि वह शिवसेना को खत्म करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि यह राकांपा है जो शिवसेना को खत्म करना चाहती है। हम पिछले दो साल से अधिक समय से इसे झेल रहे हैं, लेकिन अब यह काफी अधिक हो गया है। जिसने हमें खत्म करने की कोशिश की, सीएम उद्धव ने उनसे हाथ मिलाया है। विधानसभा के उपाध्यक्ष की ओर से 16 बागी विधायकों को नोटिस दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक' है। उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र का मजाक है। हमें एक नया समूह बनाने का अधिकार है, और नोटिस भेजना दबाव की रणनीति है। केसरकर ने कहा कि हम जल्द ही तय करेंगे कि मुंबई कब आना है और आगे की कार्रवाई क्या होगी।


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