केवल 15 महीने ही MP के CM रह पाए कमल नाथ, जानें अब तक कैसा रहा राजनैतिक सफर
kamalnath profile कमल नाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर एक साल तीन महीने और चार दिन तक काम किया। कमलनाथ 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री बने थे। अब तक का राजनैतिक सफर कैसा रहा...
नईदिल्ली,जेएनएन। मध्यप्रदेश में आज होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कमल नाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर एक साल तीन महीने और चार दिन तक काम किया। कमल नाथ 17 दिसंबर 2018 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि प्रदेश की जनता ने मुझे पांच साल सरकार चलाने का बहुमत दिया था। लेकिन भाजपा ने प्रदेश की जनता के साथ धोखा दिया, लेकिन जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। आइए आपको बताते हैं कमल नाथ का अब तक का राजनैतिक सफर कैसा रहा...
कमल नाथ का सफर
कमल नाथ का जन्म कानपुर में हुआ था। बीती 18 नवंबर को वे 72 साल के हो गए। 1973 में अलका नाथ के साथ विवाह हुआ, उनके दो पुत्र हैं। कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद राजनीति में प्रवेश किया। संजय गांधी और कमल नाथ गहरे दोस्त थे। कमलनाथ की स्कूल शिक्षा दून स्कूल में हुई, जहां संजय गांधी उनके सहपाठी थे। नौ बार के सांसद 72 साल के कमल नाथ गांधी परिवार के नजदीकी हैं। गांधी परिवार से नजदीकी के कारण उन्हें इंदिरा गांधी का तीसरा पुत्र कहा जाता था। कमल नाथ कांग्रेस में मौजूदा पीढ़ी के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों इंदिरा गांधी, राजीव-सोनिया और राहुल गांधी के साथ काम किया है। 2001-04 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप भी जिम्मेदारी निभाई। वे छिंदवाड़ा से ही लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक मई 2018 को उन्होंने मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार लेकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भागीदारी की शुरुआत की और संगठन को मजबूत कर 15 साल के सत्ता के वनवास को समाप्त कराया। कमल नाथ मध्यप्रदेश के 26वें मुख्यमंत्री बने थे।
ऐसा रहा राजनैतिक जीवन
कमल नाथ सबसे पहले 1980 में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से जीते थे। 2014 तक वे लगातार नौवीं बार चुनाव जीत चुके हैं। 1980 में पहली बार सातवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद वे 1985 में आठवीं, 1989 में नौवीं, 1991 में दसवीं, 1998 में बारहवीं, 2004 में चौदवहीं, 2009 में पंद्रहवीं और 2014 में सोलहवीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
कई मंत्रालय का अनुभव: कमल नाथ ने अपने 38 साल के संसदीय अनुभव के दौरान कई केंद्रीय मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। कमल नाथ 1991-1995 केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण और वन रहे। उसके बाद 1995-1996 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वस्त्र रहे, 2004-2009 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रहे। 2009-2011 तक केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे। 2011-2014 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री बने। 2012-2014 में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री रहे। 2001-2004 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रहे और कमलनाथ 16वीं लोकसभा के वरिष्ठतम सदस्य रहे हैं। वरिष्ठता के चलते उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था।
पुरस्कार और पद
- 2007 में एफडीआई मैगजीन और फाइनेंशियल टाइम्स बिजनेस का पर्सनालिटी ऑफ द ईयर।
- 2008 में ईकोनॉमिक्स टाइम्स का बिजनेस रिफॉर्म ऑफ द ईयर।
- 2012 में एशियन बिजनेस लीडरशिप फोरम अवॉर्ड 2012 का एबीएलएफ स्टेट्समैन अवॉर्ड।
- 2011 में सबसे अमीर केंद्रीय मंत्री के रूप में कमलनाथ ने 273 करोड़ की संपत्ति घोषित की
व्यावसायिक कॅरियर
- अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नालॉजी (आईएमटी) संचालक मंडल।
- अध्यक्ष, मप्र बाल विकास परिषद।