जुलाई-अगस्त में शुरू हो सकता है मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र, जल्द तय होगी तारीख
संसदीय कार्य विभाग कर रहा तैयारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा के बाद तय होगी तारीख। वित्त विभाग वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान करेगा प्रस्तुत। कोरोना संक्रमण की वजह से बजट सत्र तय अवधि से पहले समाप्त हो गया था।
भोपाल, जेएनएन। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह जुलाई के अंतिम या अगस्त के प्रथम सप्ताह में कराया जा सकता है। इसमें वित्त विभाग द्वारा प्रथम अनुपूरक अनुमान ([बजट)] प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें कोरोना की व्यवस्थाओं में हुए खर्च के लिए प्रविधान किए जाएंगे। सत्र की तारीख पर निर्णय संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा के बाद तय होगी।
कोरोना संक्रमण की वजह से बजट सत्र तय अवधि से पहले समाप्त हो गया था। इसके पहले वष\र्ष 2020 में मानसून और शीतकालीन सत्र भी नहीं हो पाए थे। छह माह में सदन की बैठक करने की अनिवार्यता के चलते सितंबर 2020 में बैठक हुई थी। वर्ष 2021 में बजट सत्र 22 फरवरी से 26 मार्च तक के लिए बुलाया था, लेकिन कोरोना संक्रमण ब़़ढने की वजह से इसे बीच में ही स्थगित करना प़़डा। अब सितंबर के पहले सत्र बुलाना जरूरी है। इसे देखते हुए मानसून सत्र की तैयारी की जा रही है।
विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण को देखते हुए जुलाई के अंतिम या अगस्त के प्रथम सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है। इसमें वित्त विभाग मौजूदा वित्तीय वषर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान भी प्रस्तुत करेगा। इसमें कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न विभागों को अतिरिक्त बजट दिया जाएगा। मुख्यमंत्री इसकी घोषषणा भी कर चुके हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए ब़़डी राशि आगामी समय में खर्च की जाएगी। संसदीय कार्य विभाग के अधिकारियों का कहना है सत्र बुलाने को लेकर सरकार के स्तर पर नीतिगत निर्णय इसी माह हो जाएगा।
मध्य प्रदेश में 15 जुलाई तक 48 हजार से ज्यादा कैदियों का टीकाकरण
मध्य प्रदेश की 131 विभिन्न जेलों में सजा काट रहे 48 हजार से ज्यादा कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए 15 जुलाई तक टीका लगाया जाएगा। इस संबंध में जेल विभाग ने सभी कलेक्टरों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। वहीं न्यायालयों से सजा होने पर जेल भेजे जा रहे कैदियों को जेल में दाखिल करने से पहले कोरोना टेस्ट कराने को भी कहा गया है।