मानसून सत्र: धान और किसानों की मौत पर गरमाया छत्तीसगढ़ विधानसभा, पूरा विपक्ष निलंबित
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को धान खरीदी और किसानों की मौत पर विपक्ष का आक्रामक रुख देखने को मिला। वहीं संसदीय सचिव के अधिकार को लेकर विपक्ष की तीखी आलोचना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तेवर दिखाए।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को धान खरीदी और किसानों की मौत पर विपक्ष का आक्रामक रुख देखने को मिला। वहीं संसदीय सचिव के अधिकार को लेकर विपक्ष की तीखी आलोचना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तेवर दिखाए। इससे पहले सदन की कार्यवाही दिवंगत नेताओं हीरा सिंह मरकाम, पूरन लाल जांगड़े, लाल महेंद्र सिंह टेकाम और घनाराम साहू को श्रद्धांजलि के साथ शुरू हुई।
किसान के पंप के अस्थाई बिजली कनेक्शन को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
प्रश्नकाल में किसान के पंप के अस्थाई बिजली कनेक्शन को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की। विपक्षी विधायकों ने कहा कि अस्थाई कनेक्शन सभी को बिना रोक के मिलना चाहिए। कनेक्शन नहीं मिलने को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री से सवाल किया। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अस्थाई से स्थायी कनेक्शन न तो पहले मिलता था, न अब मिलेगा। इससे नाराज होकर प्रश्नकाल खत्म होने के बाद तत्काल विपक्ष ने बर्हिगमन कर दिया।
धान खरीदी और किसानों के आत्महत्या के मुद्दे पर विपक्ष हुआ आक्रामक
शून्यकाल में विपक्ष ने पहले संसदीय सचिवों के अधिकार को लेकर सवाल किया। बाद में किसानों के धान खरीदी और आत्महत्या के मुद्दे पर आक्रामक नजर आए। विपक्ष भाजपा के सभी विधायकों ने धान और किसान के मुददे पर स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग की। सभापति सत्यनारायण शर्मा ने चर्चा को ग्रह्य करते हुए दोपहर तीन बजे का समय तय कर दिया। इस पर विपक्ष ने मंत्री का वक्तव्य तय करने की बात कही। जब मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम वक्तत्व दे रहे थे, उसी समय विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की गई। इसके बाद जब चर्चा शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सदन में हंगामा, विधानसभा कल तक के लिए स्थगित
संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ये चर्चा से भाग क्यों रहे हैं, लगता है तैयारी करके नहीं आए हैं। चौबे की इस टिप्पणी के बाद विपक्षियों का विरोध और तेज हो गया। जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी शुरू हो गई। विपक्षी विधायक गर्भगृह में पहुंच गए और स्वमेव निलंबित हो गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में विपक्ष के विधायकों ने गांधी प्रतिमा के सामने नारेबाजी भी की।
मुख्यमंत्री ने गुस्से से कहा-15 थे 14 हो गए, अगले चुनाव की करो चिंता
संसदीय सचिव के मुद्दे पर विपक्षी विधायक के सवाल का जब मंत्री मो अकबर का जवाब दे रहे तो विपक्षी विधायक हंगामा करने लगे। इस मुख्यमंत्री बघेल तमतमा गए। उन्होंने गुस्से में अजय चंद्राकर को कहा-बैठिए आप। आवेश में बात कर रहे हैं। यह कोई तरीका होता है जवाब सुनने का। जैसा उत्तर चाहोगे, वैसा उत्तर नहीं आएगा। 15 थे, अब 14 बचे हो, अगले चुनाव में कहां रहोगे, उसकी चिंता करो।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- किसान हूं, किसान पैदा हुआ और किसान ही मरूंगा
अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों के ब्रांड एंबेसडर बनते हैं, लेकिन प्रदेश में किसानों की मौत हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इनको तो हमारे होने से ही दिक्कत है। देसी घी को प्रचार की जरूरत नहीं होती है। उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनने की जरूरत नहीं है। किसान हूं, किसान पैदा हुआ और किसान ही मरूंगा।
अंग्रेजी बोलनी नहीं आती, समझ में पूरा आता है
मंत्री अकबर जब संसदीय सचिव के मामले में कोर्ट के आदेश को अंग्रेजी में पढ़ रहे थे, तब बृजमोहन अग्रवाल ने टोका और हिंदी में पढ़ने को कहा। बृजमोहन ने कहा कि बहुत से सदस्य अंग्रेजी नहीं जानते, मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि उनको अंग्रेजी नहीं आती। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अंग्रेजी नहीं आती, इसमें कोई बुराई है क्या। मुझे अंग्रेजी बोलनी नहीं आती, समझ में पूरा आता है। बात का बतंगड़ मत बनाएं।