बच्चों का यौन शोषण को रोकने के लिए बाल पोर्नोग्राफी के लिए निगरानी एप की जरूरत
बच्चों के यौन शोषण को रोकने और सोशल मीडिया पर बाल पोर्नोग्राफी की पहुंच और प्रसारण रोकने के लिए राज्यसभा की एक समिति ने 40 सिफारिशें की हैं। इ
नई दिल्ली, प्रेट्र। बच्चों के यौन शोषण को रोकने और सोशल मीडिया पर बाल पोर्नोग्राफी की पहुंच और प्रसारण रोकने के लिए राज्यसभा की एक समिति ने 40 सिफारिशें की हैं। इनमें सभी उपकरणों पर निगरानी एप को अनिवार्य बनाना और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में संशोधन का सुझाव शामिल है।
उपराष्ट्रपति को सौंपी गई रिपोर्ट
समिति के प्रमुख और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को रिपोर्ट सौंपी। ऐसे व्यापक सामाजिक सरोकार के मुद्दे पर जांच की खातिर समिति गठित करने के लिए नायडू की सराहना की गई है। रिपोर्ट में रमेश ने कहा कि यह एक अच्छा मॉडल है, जिसे समय-समय पर सामाजिक मुद्दों पर विचार करने के लिए किया जा सकता है।
राज्य-स्तरीय पहल का दिया गया सुझाव
बाल पोर्नोग्राफी की गंभीरता पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने तकनीकी, संस्थागत, सामाजिक और शैक्षणिक उपाय करने की बात भी कही है। सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के खतरनाक मुद्दे और बच्चों और समाज पर इसके प्रभावों के बारे में राज्य-स्तरीय पहल का सुझाव दिया गया है।
मोदी से 'मन की बात' कार्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध
समिति ने रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाल पोर्नोग्राफी की समस्या पर संज्ञान लेते हुए अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी इस विषय को शामिल करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि इससे निपटने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं। समिति ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि जिस प्रकार से उन्होंने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पहल करते हुए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन किया है, वैसे ही बाल पोर्नोग्राफी से निपटने के लिए भी उन्हें 'वैश्विक राजनीतिक गठजोड़' बनाने की पहल करनी चाहिए।