अपना और पराया भूल कर समाज को संभालना आज की सबसे बड़ी जरूरत : संघ प्रमुख
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भोपाल में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अपना पराया भूलकर समाज को संभालना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
भोपाल, जेएनएन। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को भोपाल में आयोजित आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अपना पराया भूलकर समाज को संभालना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। कोरोना काल में सभी जगह स्वयंसेवक सेवा कार्यों में खड़े रहें। सेवा, समरसता, स्वावलंबन, स्वदेशी के साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमें कदम बढ़ाना है। यही देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती और जरूरत है। संघ प्रमुख ने कहा कि बंगाल और बिहार जैसे जिन राज्यों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है, वहां राहत कैसे पहुंचाई जाए, इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
संघ के कार्यों की समीक्षा की
संघ की बैठक में सरकार्यवाह भय्या जी जोशी के अलावा सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, डॉ. कृष्ण गोपाल सहित लगभग 20 वरिष्ठ प्रचारक भी शामिल हुए। शुक्रवार को संघ प्रमुख राजनीतिक विषयों पर चर्चा करेंगे। बैठक में डॉ. भागवत ने देश में चल रहे संघ के कार्यों की समीक्षा की। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में भी संघ ने किस तरह ऑनलाइन संपर्क को निरंतर बनाए रखा, साप्ताहिक बौद्घिक का क्रम जारी रखा। प्रत्यक्ष संपर्क ना हो पाने के कारण स्वयंसेवकों से अन्य माध्यमों से संपर्क जारी रखा गया इस पर चर्चा की गई।
जहां लॉकडाउन नहीं है वहां गतिविधियां शुरू करने पर जोर
बैठक में तय किया गया कि जहां लॉकडाउन नहीं है उन स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन और मास्क सहित अन्य सावधानियां बरतते हुए शाखाओं को फिर से शुरू किया जा सकता है। इसका निर्णय स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों को देखते हुए लिया जा सकता है। कोरोना काल में संघ की शाखाएं ऑनलाइन शुरू करने का विकल्प दिया गया है। इसके लिए गूगल मीट, जूम और वीडियो कॉन्फेंसिंग के दूसरे माध्यमों की मदद लेने की बात कही है। इन्हें 'ई-शाखा' का नाम दिया गया है।
हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश
स्वयंसेवकों को शाखा की तरफ से हेल्पलाइन भी शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए संघ से जुड़े आइटी (सूचना प्रोद्यौगिकी) के लोगों से सहयोग लेने को कहा गया है। भोपाल स्थित शारदा विहार मंदिर में चली तीन दिवस की बैठक के बाद गुरुवार शाम को प्रांगण में शाम की शाखा लगाई गई। इसमें डॉ. भागवत सहित सभी वरिष्ठ प्रचारक शामिल हुए। तीन दिवसीय बैठक में कोरोना के कारण सभी सावधानियां बरती गईं। सूत्रों का कहना है कि अब तक एक कमरे में कम से कम दो पदाधिकारियों को ठहराया जाता था लेकिन इस बार सभी को अलग कक्ष आवंटित किए गए थे।
दो श्रेणियों में होगा काम
बैठक में डॉ. भागवत ने कहा कि संघ का काम अब संगठन श्रेणी और जागरण श्रेणी में होगा। संगठन श्रेणी के कार्यकर्ताओं को शाखाओं पर ध्यान देना है। इसके तहत शारीरिक-बौद्घिक प्रशिक्षण और कार्यक्रमों की व्यवस्था के कार्य आते हैं। वहीं, जागरण श्रेणी में प्रचार (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं वेब माध्यम से), सेवा और नए लोगों से संपर्क के कार्य आते हैं। इसमें कार्यकर्ता पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन और प्रचार का काम करेंगे। बैठक में अगले तीन साल में संघ से दो करोड़ नए लोगों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्य के लिए संघ अलग से मोहल्ला स्तर की टीम बनाएगा।