एक साथ चुनाव के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला सकती है सरकार
लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मसले पर सर्वसम्मति कायम करने के उद्देश्य से सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मसले पर सर्वसम्मति कायम करने के उद्देश्य से सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि सर्वदलीय बैठक आगामी कुछ दिनों में बुलाई जा सकती है। हालांकि बैठक बुलाने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि सरकार इस संबंध में विधि आयोग की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार के पास चर्चा के लिए ज्यादा बिंदु होंगे। मालूम हो कि विधि आयोग दोनों चुनाव एक साथ कराने की संभावना की पड़ताल कर रहा है। अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले चुनाव एक साथ कराने की व्यावहारिकता की जांच कर रहे आयोग ने राजनीतिक दलों से उनका नजरिया पूछा था।
गौरतलब है कि मोदी सरकार पूरे देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराना चाहती है। भाजपा नेताओं और सरकार की तरफ से कई बार कहा जा चुका है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराएं जाएं। हालांकि, कई दलों ने इसका समर्थन भी किया है। लेकिन कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका विरोध भी कर रहे हैं।
सरकार अगले वर्ष होने वाले लोकसभा और 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव को एकसाथ करने का मन बना रही है। सूत्रों की मानें तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और हरियाणा जैसे राज्यों के चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि यह राह इतनी भी आसान नहीं है। बता दें कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, वहीं ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मिजोरम में विधानसभा चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ होने वाले हैं। ऐसे में भाजपा की योजना है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव आगे बढ़ाए जाएं।