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जम्मू-कश्मीर: केंद्र ने शुरू किया नेताओं के साथ संवाद, उमर, महबूबा विशेष विमान से पहुंचे दिल्ली

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पिछले एक पखवाड़े में दो बार विशेष विमान में दिल्ली ले जाया गया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 11:39 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर: केंद्र ने शुरू किया नेताओं के साथ संवाद, उमर, महबूबा विशेष विमान से पहुंचे दिल्ली
जम्मू-कश्मीर: केंद्र ने शुरू किया नेताओं के साथ संवाद, उमर, महबूबा विशेष विमान से पहुंचे दिल्ली

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में लगातार बदल रही सियासत के बीच केंद्र सरकार ने स्थानीय राजनीतिक दलों के साथ संवाद शुरू कर दिया है, ताकि हालात जल्द से जल्द सामान्य बनाया जा सके। इसी के तहत नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पिछले एक पखवाड़े में दो बार विशेष विमान में दिल्ली ले जाया गया। अलबत्ता, अधिकारिक स्तर पर कोई भी इस संदर्भ में बोलने को तैयार नहीं है।

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सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री उमर और महबूबा को मंगलवार (20 अगस्त) की शाम श्रीनगर एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ले जाया गया। वहां से कार्गो के रास्ते रनवे के एक कोने में खड़े छह सीटर विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया। दोनों नेता बुधवार दोपहर बाद दिल्ली से लौटे हैं। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दोनों नेताओं को 9 अगस्त की शाम को भी विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया था। ईद से दो दिन पहले 10 अगस्त की शाम को उन्हें वापस लाया गया। सूत्रों ने दावा किया कि श्रीनगर से रवानगी के समय दोनों नेता आपस में बातचीत कर रहे थे, लेकिन वापसी के समय उनमें किसी तरह का संवाद नहीं हुआ। इन्हें दिल्ली में कहां ले जाया गया और उनकी किस स्तर पर बात हुई है, इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।

जल्द चुनाव की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को पुनर्गठित करने के फैसले के मद्देनजर वादी में उपजी कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत अन्य नेताओं को एहितयातन हिरासत में ले रखा है। केंद्र वादी में हालात को पूरी तरह सामान्य बनाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था की पूरी तरह बहाली के लिए जल्द चुनाव कराना चाहता है। इसलिए प्रशासन चाहता है नेकां और पीडीपी को इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए जल्द तैयार किया जाए। अगर दोनों दल बदली परिस्थितियों में लचीला रुख अपनाते हैं तो इससे कश्मीर में हालात सामान्य बनाने में बहुत मदद होगी। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार दोनों दलों के नेताओं के साथ संवाद बनाने का प्रयास कर रही है।


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