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Modi 2.0: 100 दिन के फैसलों ने दुनिया में ऊंचा किया भारतीय परचम, अब ये होगा एजेंडा

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं। अब आने वाले 100 दिनों में उसके सामने कई चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी होगी

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 08:20 AM (IST)
Modi 2.0: 100 दिन के फैसलों ने दुनिया में ऊंचा किया भारतीय परचम, अब ये होगा एजेंडा

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मोदी सरकार ने 8 सितंबर को अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। पहले कार्यकाल की सफलता के बाद मोदी सरकार दो ने दूसरी पारी में फ्रंट फुट पर खेलते हुए कई नए रिकॉर्ड बनाए और वर्षों पुराने तमाम इतिहास को बदकर रख दिया। पहले कार्यकाल से ही मोदी सरकार ने देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति को मजबूत करने का जो प्रयास शुरू किया, उसने पूरी दुनिया में देश का परचम बुलंद किया है। हालांकि, सरकार के सामने अब भी कई चुनौतियां हैं, जिनसे निटपने के लिए सरकार ने अगले 100 के एजेंडे पर काम शुरू कर दिया है। आइये जानतें हैं मोदी सरकार के 10 बड़े फैसलों और आगे की प्रमुख योजनाएं...

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वैश्विक दृश्टि से 100 दिन के महत्वपूर्ण फैसले
1. पाकिस्तान को अलग-थलग किया

जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान ने रोना क्या शुरू किया, भारत ने अपनी कूटनीति से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसे अलग-थलग कर दिया। अब हालत ये है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन पर दिन खराब हो रही और कोई देश उसे मदद करने को तैयार नहीं है। FATF भी उस पर जल्द प्रतिबंध लगाने वाला है, इससे पाकिस्तान का विदेशी मदद अथवा लोन लेने का रास्ता भी बंद हो जाएगा।

2. मसूद वैश्विक आतंकी
भारत की कूटनीति का ही असर है कि यूएनएससी ने मसूद अजहर को एक मई 2019 को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। इससे पहले मसूद अजहर चार बार यूएनएससी में वैश्विक आतंकी घोषित होने से बच चुका था। हर बार चीन ने वीटो पावर इस्तेमाल कर उसे बचा लिया था।

3. अमेरिका को कहा 'नहीं'
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने अमेरिका के आगे रोना रोया तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मसले पर मध्यस्थता की ऑफर दिया। उनकी तरफ से इसके लिए बयान भी जारी कर दिया गया। हांलांकि भारत ने उन्हें साफ इंकार कर दिया। भारत ने अमेरिका को साफ कर दिया कि कश्मीर मुद्दे पर उसे किसी तीसरे पक्ष का दखल बिल्कुल मंजूर नहीं है। इसके बाद ट्रंप ने बयान दिया कि भारत-पाक कश्मीर मुद्दा आपस में सुलझा सकते हैं।

4. अंतरराष्ट्रीय सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को वैश्विक स्तर पर किए जा रहे उनके कार्यों की वजह से शुरूआती 100 दिनों में ही कई जगहों पर सम्मानित किया जा चुका है। इसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का सर्वोच्च नागरिक सम्मान जायद मैडल, बहरीन का सर्वोच्च नागरिक सम्मान और कुछ दिन पहले रूस द्वारा दिया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान शामिल है। मोदी को दोनों कार्यकाल में कुल मिलाकर नौ अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। देश के किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त किया गया ये सर्वाधिक सम्मान है।

5. रूस को कर्ज और रक्षा सौदा
अमेरिका की तमाम नाराजगियों के बावजूद भारत ने रूस से रक्षा सौदे जारी रखे हैं। भारत रूस से अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S400 खरीद रहा है, जिस पर अमेरिका ने आपत्ति जताई थी। बावजूद भारत ने कुछ दिन पहले ही एस400 की जल्द आपूर्ति के लिए पूरा भुगतान कर दिया है। इतना ही नहीं पिछले दिनों रूस दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को एक मिलियन डॉलर का रियायती कर्ज भी दिया है। साथ ही भारत ने रूस संग 25 नई डिफेंस व रिसर्च आदि से संबंधित डील साइन की हैं। रूस जैसे बड़े देश को भारत द्वारा कर्ज देने का ये पहला मामला है। अब तक भारत की छवि बड़े देशों से कर्ज लेने वाले देश के तौर पर ही थी।

6. विदेश यात्राएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल के शुरूआती 100 दिनों की तुलना में दूसरे कार्यकाल के प्रारंभिक 100 दिनों में ज्यादा विदेश यात्राएं की हैं। पीएम ने दूसरे कार्यकाल में 10 दिन के भीतर नौ देशों का दौरा कर लिया है, जबकि पिछले कार्यकाल के शुरूआती 100 दिनों में उन्होंने केवल चार देशों की ही यात्रा की थी। संदेश साफ है कि पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में पड़ोसी देशों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

राष्ट्रीय हित में 100 दिन के महत्वपूर्ण फैसले
1. अनुच्छेद-370 व 35ए खत्म

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन का ये सबसे बड़ा फैसला है। सरकार ने अपने चुनावी एजेंडे में इसे शामिल किया था। पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से न केवल अनुच्छेद 370 व 35ए खत्म किया, बल्कि राज्य को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग राज्य हैं। केंद्र ने दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। अनुच्छेद-370 और 35ए जब लागू किए गए थे तभी ये अस्थाई थे और इन्हें भविष्य में खत्म करने की योजना बना ली गई थी। बावजूद पूर्ववर्ती सरकारों और विपक्षी दलों ने वोट बैंक की खातिर इसे खत्म करना तो दूर, उल्टा मोदी सरकार का ही विरोध शुरू कर दिया।

2. तीन तलाक खत्म
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही इसकी शुरूआत कर दी थी, लेकिन विपक्ष के विरोध की वजह से उसे कामयाबी नहीं मिली। दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही मोदी सरकार ने प्राथमिकता से इस बिल को संसद के दोनों सदनों से पास करा कानून बनाने में कामयाबी हासिल की। मुस्लिम विवाह संरक्षण बिल को पास करा मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को वो अनमोल तोहफा दिया, जिसका इंतजार उन्हें सदियों से था। 80 के दशक से ही शाहबानों प्रकरण पर मचे सियासी घमासान के बाद कानून में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। सरकार की ये दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि थी।

3. नया मोटर वाहन अधिनियम लागू
मोदी सरकार 2 ने एक सितंबर से पूरे देश में नया मोटर वाहन अधिनियम लागू कर दिया है। इसके तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से भारी जुर्माना वसूला जाना शुरू भी कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस फैसले पर कहा कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। पहले लोगों में यातायात नियमों के प्रति कोई सम्मान नहीं था। नए नियम में भारी जुर्माने के साथ जेल का भी प्रावधान है।

4. किसानों को सौगात
चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये नकद देने की घोषणा की थी। चुनाव के तुरंत बाद मोदी सरकार ने देश के 15 करोड़ किसानों को इस योजना में शामिल कर लिया। सरकार ने ये फैसला पहली ही कैबिनेट बैठक में ले लिया था।

5. आंतकवाद का सफाया
आतंकवाद का स्थाई निपटारा करने के लिए मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने पिछले महीने ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) को संशोधित कर काफी सख्त कर दिया है। संशोधित कानून में केवल संस्था ही नहीं बल्कि किसी व्यक्ति विशेष को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है। साथ ही उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है। जांच एजेंसियों को संशोधित कानून में ज्यादा शक्तियां प्रदान की गई हैं।

6. बदली संसद की संस्कृति
मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में संसद की पहचान को राजनीति के अखाड़े से बदलने की भी बड़ी पहल की है। एक सत्र मे संसद में 36 महत्वपूर्ण बिल पारित करा सरकार ने इतिहास रचा। इस दौरान संसद में कार्य करने का समय तकरीबन 130 फीसद रहा, जो किसी अजूबे से कम नहीं है।

7. 10 बैंका का विलय
आर्थिक सुधारों के लिए सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर उन्हें चार बैंक बना दिया है। इससे देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गई है।

8. हर घर में पानी आपूर्ति की योजना
सरकार ने पहले कार्यकाल में हर घर में बिजली और गैस पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था। अब सरकार ने 2022 तक हर घर में नल से पानी पहुंचाने का वादा किया है। इसके लिए सरकार बनते ही अलग से जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया गया। इतना ही नहीं जल जीवन मिशन के तहत सरकार ने 2024 तक योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का बजट निर्धारित किया है।

9. 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था
वैश्विक मंदी की आहट के बावजूद सरकार ने 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का बेहद कठिन लक्ष्य तय किया है। इसकी घोषणा पीएम ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लालकिले से की थी।

10. स्वच्छ भारत के बाद स्वस्थ भारत
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में पूरे देश में एक साथ जोरशोर से स्वच्छ भारत अभियान चलाया था। इसका मकसद लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना था। ये अभियान काफी हद तक सफल भी रहा। अब सरकार ने क्लीन इंडिया की तर्ज पर फिट इंडिया अभियान शुरू किया है। इसका मकसद देशवासियों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करना है। इसके अलावा कुपोषण और सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे से मुक्ति के लिए भी सरकार ने अभियान शुरू किया है।

अगले 100 दिनों का एजेंडा
1. अर्थ व्यवस्था की सुस्ती

फिलहाल सरकार के सामने वैश्विक मंदी के असर से देश को सुरक्षित रखने की सबसे बड़ी चुनौती है। मंदी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। पूरा विपक्ष देश की विकास दर में गिरावट और बेरोजगारी बढ़ने का दावा कर रहा है। फिलहाल सरकार इन दावों को गलत बता रही है, लेकिन उसकी चिंताएं बढ़ी हुई हैं। ऐसे में सरकार के सामने अगले 100 दिन का एजेंडा फिलहाल अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटना ही है।

2. जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करना
मोदी सरकार 2 ने पहले 100 दिन में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाकर कर विशेष राज्य का दर्जा तो खत्म कर दिया है, लेकिन अब उसके आगे घाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य करने की चुनौती है।

3. पाक समर्थित आतंकवाद
पाकिस्तानी सीमा से लगे भारत के कुछ राज्यों में आतंकवाद बड़ी समस्या है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और आतंकी घुसपैठ का पूरा प्रयास कर रहा है। पाकिस्तान किसी भी तरह घाटी में शांति प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहता है। ये हालात आगे भी बरकरार रहेंगे। ऐसे में सरकार के सामने पाक समर्थित आतंकवाद से निपटने की बड़ी चुनौती बनी रहेगी।

4. NRC की चुनौतियों से निपटना
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही एनआरसी का प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हाल में इसकी अंतिम सूची भी जारी कर दी गई है। अंतिम सूची में असम के 19 लाख से ज्यादा लोगों का नाम शामिल नहीं है। मतलब उन्हें विदेशी मान लिया गया है। इसके साथ ही एनआरसी को लेकर कई तरह की शिकायतें और गड़बड़ियां भी सामने आने लगी हैं। इससे क्षेत्र में तनाव है। सरकार के लिए इन शिकायतों और यहां के तनावपूर्ण हालात से निपटने की भी चुनौती है।

5. प्लास्टिक मुक्त भारत
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से सिंगल यूज प्लास्टिक से देश को मुक्त करने का आव्हान किया था। उन्होंने दो अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशव्यापी अभियान शुरू करने की भी घोषणा की है। सरकार के सामने स्वच्छ भारत मिशन की तरह ही इस अभियान को भी लोकप्रिय और सफल बनाने की बड़ी चुनौती है। इसके लिए एजेंडा तैयार किया जा रहा है।

6. चार राज्यों के विधानसभा चुनाव
इस साल के अंत तक हरियाणा, दिल्ली, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। सरकार के लिए इन राज्यों में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के साथ ही पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की भी चुनौती है। इन चुनाव परिणामों को सीधे तौर पर सरकार के प्रति आम लोगों के रुझान के तौर पर देखा जाएगा।

7. रोजगार के अवसर
विपक्ष लागतार सरकार पर हमला कर रहा है कि देश में रोजगार के अवसर तो कम हो रही है, उल्टा लोगों की नौकरियां छिनने से बेरोजगारी का संकट और बढ़ रहा है। सरकार नौकरियां खत्म होने या कम होने संबंधी विपक्ष के दावों को सिरे से खारिज कर रही है। बावजूद सरकार के आगे रोजगार के नए अवसर पैदा करने की बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि सरकार अगले 100 दिनों में इस दिशा में कुछ ठोस पहल कर सकती है।


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