नगर निगम के अफसर को पीटने वाले विधायक आकाश विजयवर्गीय बेल पर आए जेल से बाहर
विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बताया कि वह जेल में रहने के दौरान जेल परिसर में बने शिव मंदिर में दिनभर आराधना करते थे।
इंदौर, राज्य ब्यूरो। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र और मध्य प्रदेश के इंदौर की विधानसभा क्रमांक तीन से विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार सुबह जिला जेल से जमानत पर छूट गए।
नगर निगम अफसर की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई के मामले में जेल गए आकाश ने बाहर आने के बाद कहा, 'मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि दोबारा मुझे बल्लेबाजी का मौका न मिले। मैं अब बल्ले के बजाय गांधीवादी तरीके से क्षेत्र में गलत हो रहे कार्यो का विरोध करूंगा।'
उधर, जमानत मिलने की खबर के बाद शनिवार को भाजपा कार्यालय में जश्न मना। उस दौरान कार्यालय के बाहर हवाई फायर करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। अभी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जेल से छूटने के बाद आकाश पहले भाजपा कार्यालय पहुंचे, फिर नंदानगर स्थित निवास पर। यहां परिवार की महिलाओं ने तिलक लगाया। मीडिया से चर्चा में आकाश ने कहा कि घटना वाले दिन ऐसी परिस्थितियां बन गई थीं। निगम की कार्रवाई गलत ढंग से चल रही थी। एक गरीब परिवार जिसके मकान में थोड़ा ही सामान था, उसे बारिश के मौसम में तोड़ा जा रहा था। यह देखकर मुझे गुस्सा आया। मुझे लगा कि निगम के अमले को खदेड़ना चाहिए। इसके चलते बल्ला उठाना पड़ा।
आकाश ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि मुझे महीनों पहले सुबूतों के साथ जानकारी मिली थी कि मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस नेता राम सिंह पालिया व शेख अलीम ने मकान खरीदे हैं, जिन्हें जर्जर बताकर अधिकारी तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मैंने निगमायुक्त से चर्चा कर कहा था कि मेरी जानकारी के बिना कोई कार्रवाई न करें, मगर कांग्रेस की सरकार आने के बाद अफसर न जाने किस अहंकार में हैं। उन्होंने मेरी एक न सुनी।
जिस मकान को लेकर विवाद हुआ, उसका नोटिस मेरी जानकारी के बिना दिया गया। आकाश ने बताया कि वह जेल में रहने के दौरान जेल परिसर में बने शिव मंदिर में दिनभर आराधना करते थे। बोले-जेल में कुछ कैदियों ने मेरा नंबर भी लिया और बोले कि पैरोल पर बाहर आने के बाद मिलेंगे।