मजबूत होंगे सैन्य संबंध: सैन्य अभ्यास के जरिए अफ्रीकी देशों को साधेगा भारत
अफ्रीका में चीन की बराबरी करने के लिए भारत को अभी लंबी दूरी तय करनी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत अफ्रीका के बीच राजनयिक और सैन्य संबंधों को मजबूत करने और हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व बनाए रखने के इरादे से भारतीय सेना अफ्रीकी देशों के साथ इस साल मार्च में इंडिया-अफ्रीका फील्ड ट्रेनिंग नाम से पुणे में युद्धाभ्यास करने जा रही है। इस सैन्य अभ्यास में तंजानिया और केन्या समेत कई अफ्रीकी देश हिस्सा लेंगे। जिस तर्ज पर चीन ने अफ्रीकी देशों में अपनी पैठ बनाई है, कुछ वैसे ही हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व बनाए रखने के मद्देनजर भारत भी अफ्रीकी देशों के साथ सैन्य संबंध लगातार मजबूत कर रहा है।
भारत अफ्रीकी देशों के साथ कर रहा है सैन्य संबंध मजबूत
हिंद महासागर का भारत और अफ्रीका के लिए समान सामरिक, सुरक्षात्मक और रणनीतिक महत्व है। इसके विकास के लिए दोनों ही पक्ष बेहतर पहल कर सकते हैं। भारत की रणनीति अफ्रीका में चीन की चमक को फीका कर अपनी चमक बिखेरने की है।
बात चाहे एशिया-अफ्रीका विकास गलियारे की हो या भारत-अफ्रीकी सम्मेलनों में भारत की बढ़ती रुचि की, भारत की सभी कोशिशें चीन को एशिया समेत अफ्रीका में घेरने की है। लेकिन यह बात साफ है कि अफ्रीका में चीन की बराबरी करने के लिए भारत को अभी लंबी दूरी तय करनी है।
भारत और अफ्रीकी देशों के बीच यह अभ्यास पुणे में 18 मार्च से 27 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास में बारह से भी ज्यादा अफ्रीकी देश हिस्सा लेने भारत पहुंच रहे है, जिनमें तंजानिया घना, साउथ अफ्रीका, केन्या आदि शामिल है। हालांकि इससे पहले से ही भारतीय सेना कई अफ्रीकी देशों की सेनाओं को प्रशिक्षण देती आई है, लेकिन इंडिया-अफ्रीका फील्ड ट्रेनिंग युद्धाभ्यास अपने आप में अनोखा अभ्यास होगा जिसमें कई अफ्रीकी देशों की सेनाएं एक साथ भाग लेगी।
यह अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है, जब भारतीय सेना अपने सबसे व्यस्त दौर से गुजर रही है। वर्ष 2018 में दिसंबर के अंत तक भारतीय सेना अमेरिका, रूस, चीन और ब्रिटेन जैसे ताकतवर देशों के साथ युद्धाभ्यास पहले ही खत्म कर चुकी है। यही नहीं भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और आसियान देशों में शामिल सिंगापुर, वियतनाम, मलयेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देशों के साथ भी युद्ध कौशल साझा किये है।
हाल ही में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत तंजानिया और केन्या के दौरे पर गए थे। जहां उन्होंने रक्षा सहयोग पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके इतर भारत और साउथ अफ्रीका के रिश्ते पहले से ही मजबूत, व्यापक और उच्च स्तर के रहे है, गत अक्टूबर में ही भारत, ब्राजील और साउथ अफ्रीका ने अपने पोतों और लड़ाकू विमानों को नौसैनिक अभ्यास के लिए उतारा था, लेकिन भारत ने अब तक दूसरे अफ्रीकी देशों के साथ ऐसा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास नही किया है।